दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश। ये चाक राज्य हैं, जो दिवाली से एक महीने पहले से मीडिया की चर्चाओं में आ जाते हैं। कारण होता है प्रदूषण, फोटो-वीडियो में दिखता है धुआँ और धुंध। इसके पीछ असल वजह होती है इन राज्यों में किसानों द्वारा पराली (खेत में खड़ी फसल से अनाज निकाल लेने के बाद बचा हुआ हिस्सा, पुआल) जलाने की प्रक्रिया।
असल वजह मतलब पराली जलाने की प्रक्रिया और किसान को कोसने के बजाय उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने इसके बदले वस्तु-विनिमय (Barter System) को लागू किया है। इसके तहत किसानों से पराली (पुआल) लेकर उसके बदले गोबर की खाद देने का निर्णय राज्य सरकार ने लिया है।
UP Govt has started procuring stubble from farmers. Nearly 5000 quintals of stubble procured by Govt this year for cattle fodder — farmers are given cow dung in return. Seems an innovative solution to stubble fires & pollution pic.twitter.com/1lcT09yvtf
— Aman Sharma (@AmanKayamHai_ET) November 9, 2020
उत्तर प्रदेश के उन्नाव में जिला प्रशासन ने इसी वस्तु-विनिमय प्रणाली के तहत किसानों से 2 ट्रॉली पराली लेकर उन्हें 1 ट्रॉली गोबर की खाद दे रहा है – निःशुल्क। ठीक इसी प्रकार कानपुर देहात के प्रशासन ने किसानों को सहायता उपलब्ध कराई।
पराली (पुआल) दो, खाद लो योजना
उन्नाव में 1675 क्विंटल से ज्यादा पराली वस्तु-विनिमय प्रणाली के तहत किसानों से ली गई है। जबकि कानपुर देहात में 3000 क्विंटल से ज्यादा पराली ली गई। इसके एवज में किसानों को इसके आधे के बराबर गोबर की खाद दी गई।
उन्नाव के जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने बताया कि उनके जिले में 125 गोशालाएँ हैं। इनमें पर्याप्त मात्रा में गोबर की खाद उपलब्ध है। ऐसे में प्रशासन 2 ट्रॉली पराली देने पर एक ट्रॉली गोबर की खाद किसानों को निशुल्क दे रहे हैं। वहीं कानपुर देहात के जिलाधिकारी डॉ दिनेश चंद्र ने बताया कि पराली की समस्या को देखते हुए प्रशासन किसानों को जागरूक कर रहा है।
किसानों के संरक्षण के लिए CM योगी का सख्त आदेश
राज्य के CM योगी आदित्यनाथ ने किसानों से पराली न जलाने का आग्रह किया था। लेकिन प्रशासन को भी सख्त हिदायत देते हुए उन्होंने पराली जलाने से संबंधित कार्रवाई में किसानों के साथ दुर्व्यवहार या उत्पीड़न स्वीकार नहीं करने पर बल दिया था।