Sunday, December 22, 2024
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कौन बनेगा प्रधानमंत्री? नतीजे जानने के लिए आपको 24 मई तक करना पड़ सकता है इंतजार

अगर चुनाव परिणाम के आँकड़े निर्णायक रहे तो 23 मई को सब कुछ साफ़ पता चल जाएगा लेकिन क़रीबी लड़ाई की स्थिति में आपको एक दिन और इन्तजार करना पड़ सकता है।

जैसा कि हम जानते हैं, 19 मई को सातवें और अंतिम 59 सीटों के लिए मतदान संपन्न होने के साथ ही लोकसभा चुनाव का समापन हो जाएगा और 23 मई को नतीजे आने की बात कही गई है। लेकिन परिस्थितियाँ कुछ अलग बनीं तो चुनाव परिणाम 24 मई को भी आ सकते हैं। अर्थात, नरेंद्र मोदी फिर से प्रधानमंत्री बनेंगे या नहीं, यह जानने के 24 मई तक इन्तजार करना पड़ सकता है। कुल मिलकर बात यह है कि अगर चुनाव परिणाम के आँकड़े निर्णायक रहे तो 23 मई को सब कुछ साफ़ पता चल जाएगा लेकिन क़रीबी लड़ाई की स्थिति में आपको एक दिन और इन्तजार करना पड़ सकता है। ख़बरों के अनुसार, 23 मई की जगह अंतिम नतीजे 24 मई को प्राप्त हो सकते हैं।

पश्चिम बंगाल चुनाव आयोग के अधिकारी संजय बासु ने इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए बताया, “सुप्रीम कोर्ट के ताज़ा निर्णय के अनुसार, चुनाव नतीजे 1 दिन लेट आ सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने प्रति विधानसभा क्षेत्र में पाँच रैंडम पोलिंग बूथ पर ईवीएम और वीवीपैट पर्चियों का मिलान करने का निर्देश दिया है। इसके कारण मतगणना में 8 से 10 घंटे की संभावित देरी से इनकार नहीं किया जा सकता। प्रक्रिया और लम्बी होने के पीछे ये तीन कारण हैं- वीवीपैट पर्चियों का मिलान, पोस्टल बैलेट्स की गणना और ‘Electronically Transmitted Postal Ballots System (ETPBS)’ की स्कैनिंग।

चुनाव आयोग के अधिकारियों ने कहा कि उनका उद्देश्य मतगणना को सटीक तरीके और निर्बाध रूप से पूरा करना है। प्रत्येक मतगणना क्षेत्र के पाँच पोलिंग बूथों की गणना एक टेबल पर की जाएगी। इसीलिए परिणाम आने में 1 दिन की देरी भी लग सकती है। बता दें कि 21 विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट जाकर 50% ईवीएम और वीवीपैट पर्चियों का मिलान करने की माँग की थी, जिसे कोर्ट द्वारा नकार दिया गया। लेकिन, अदालत ने प्रति विधानसभा एक से बढ़ाकर पाँच रैंडम पोलिंग बूथ की ईवीएम और वीवीपैट पर्चियों के मिलान की बात कही।

अदालत का यह आदेश मतगणन में सटीकता और संतुष्टि हासिल करने के लिए था। हालाँकि, विपक्षी दलों ने अपनी माँगें कम करते हुए 25% पर्चियों के मिलान की बात कही, जिसे तवज़्ज़ोह नहीं दिया गया। इधर यूपीए अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने मतगणना को लेकर अपनी सक्रियता तेज़ कर दी है। सोनिया ने सभी प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं को फोन कर 23 और 24 मई को दिल्ली में उपस्थित रहने का आग्रह किया है। उधर केसीआर ने भी तमिलनाडु में स्टालिन से मुलाक़ात कर तीसरे मोर्चे के लिए जुगत भिड़ानी तेज़ कर दी है।

आंध्र के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने चुनाव ख़त्म होने के बाद 21 मई को सभी विपक्षी दलों की बैठक बुलाने की पेशकश की है। इस सम्बन्ध में उन्होंने कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी से मुलाक़ात भी की। सोनिया ने विपक्षी दलों को यह सन्देश देने की कोशिश की है कि भले ही वे सभी चुनाव पूर्व गठबंधन का हिस्सा न रहे हों लेकिन परिणाम आने के बाद मिली-जुली सरकार के लिए सभी को तैयार रहना चाहिए। कर्नाटक के सीएम कुमारस्वामी और हरियाणा के नेता अभय चौटाला पूर्व में मायावती को प्रधानमंत्री बनाने की बात कह चुके हैं। ऐसे में ऊँट किस करवट बैठेगा, ये मई की 23 या 24 तारीख़ को ही पता चलेगा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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