हाल ही में उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने ‘लव जिहाद’ को लेकर अध्यादेश को मंजूरी दी। इसी कड़ी में भाजपा शासित मध्य प्रदेश सरकार ने भी एक बड़ा ऐलान किया है। बुधवार (25 नवंबर 2020) को मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने कहा कि शादी में धर्मांतरण का दबाव बनाने का दोषी पाए जाने पर पूरे 10 वर्ष की सज़ा का प्रावधान होगा। ‘धर्म स्वतंत्रता विधेयक’ 2020 का उल्लेख करते हुए मध्य प्रदेश के गृह मंत्री और संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इस विधेयक के संबंध में विस्तार से जानकारी दी।
गृह मंत्री ने इस विधेयक की जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने शादी में धर्मांतरण का लालच देने, धमकाने और दबाव बनाने पर 10 साल की सज़ा का प्रावधान होगा। इस विधेयक का मसौदा दिसंबर के दूसरे हफ्ते के दौरान मंत्रिपरिषद के सामने रखा जाएगा, जिसे 28 दिसंबर 2020 से शुरू होने वाले सत्र के दौरान मध्य प्रदेश विधानसभा में पेश किया जाना है।
धर्म स्वातंत्र्य विधेयक के ड्राफ्ट में बहला-फुसलाकर,डरा-धमकाकर धर्मांतरण के लिए विवाह करने पर 10 साल की सजा का प्रावधान किया गया है।इस तरह की शादी-निकाह कराने वाले धर्म गुरु,काजी-मौलवी,पादरी को भी 5 साल की सजा होगी। ऐसी शादियां कराने वाली संस्थानों का पंजीयन भी निरस्त किया जाएगा। pic.twitter.com/UYztUzdaF1
— Dr Narottam Mishra (@drnarottammisra) November 25, 2020
इसके बाद गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा, “विधेयक के अंतर्गत उन मौलवियों, काज़ियों, पादरियों और पुजारियों के लिए 5 साल की सज़ा का प्रस्ताव पेश किया जाएगा, जो इस तरह के विवाह संपन्न कराते हैं। इसके अलावा ऐसे विवाहों का आयोजन कराने वाली संस्थाओं का पंजीयन और डोनेशन भी रद्द हो जाएगा। इस विधेयक के तहत शादी में धर्मांतरण का लालच देने, धमकाने और दबाव बनाने पर 10 साल की सज़ा का प्रावधान होगा। ऐसे मौलवी, पादरी या धर्म गुरु जो विवाह कराते हैं, उनके लिए इस विधेयक के मसौदे के तहत 5 साल की सज़ा का प्रावधान होगा, जो जिला दंडाधिकारी (कलेक्टर) की अनुमति के बिना ऐसे आयोजन कराते हैं।”
गृह मंत्री ने यह भी कहा कि विधेयक के तहत संबंधित पक्षों को शादी के लिए धर्मांतरण करने के पहले जिलाधिकारी को एक आवेदन देना होगा। शादी के लिए धर्मांतरण कराने वाले व्यक्ति (महिला-पुरुष) और इस प्रक्रिया से जुड़े धार्मिक व्यक्ति को एक महीने पहले कलेक्टर से अनुमति लेनी होगी।
इस विधेयक के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन पूरी तरह गैर जमानती और संज्ञेय होगा। ऐसे व्यक्ति जो इस तरह की शादियों में मदद करते हैं, उन्हें भी दोषी माना जाएगा। अभियुक्त को खुद सिद्ध करना होगा कि उसने बिना किसी दबाव या धमकी के धर्मांतरण किया है। यह अध्यादेश के रूप में नहीं जाएगा, सबसे पहले इसे मंत्रिपरिषद के सामने प्रस्तुत किया जाएगा और वहाँ से पास होने के बाद इसे विधानसभा में विधेयक के रूप में लाया जाएगा।
इसके पहले बुधवार (नवंबर 25, 2020) को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक सभा में राज्य में लव जिहाद के कानून पर बड़ा बयान दिया था। उमरिया में जन-जातीय गौरव सम्मान समारोह में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लव-जिहाद के मुद्दे पर आक्रोश दिखाया था। उन्होने कड़े शब्दों में कहा था, “मैं मध्यप्रदेश की धरती पर ‘लव जिहाद’ किसी भी कीमत पर नहीं चलने दूँगा। उसके लिए हम कानून बना रहे हैं। यह देश को तोड़ने का षड्यंत्र है, इसे किसी भी कीमत पर हम कामयाब नहीं होने देंगे।”