पूर्व सांसद सावित्री बाई फुले ने कॉन्ग्रेस पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया है। इस्तीफ़ा देने के बाद सावित्री बाई फुले ने कॉन्ग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी आवाज़ पार्टी में नहीं सुनी जा रही थी। इस वजह से उन्होंने पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया। साथ ही उन्होंने घोषणा की कि अब वो अपनी ख़ुद की पार्टी बनाएँगी।
Former BJP MP Savitri Bai Phule who joined Congress earlier this year, has resigned from the party, says ‘my voice is not being heard in Congress,hence I am resigning. I will form my own party’ pic.twitter.com/hJYiefyt1H
— ANI (@ANI) December 26, 2019
दरअसल, पिछले साल ही लोकसभा चुनाव से ठीक पहले सावित्री बाई फुले ने भारतीय जनता पार्टी का दामन छोड़कर कॉन्ग्रेस का हाथ थामा था। बहराइच की पूर्व सांसद सावित्री बाई फुले ने 2012 में बीजेपी के टिकट पर बलहा (सुरक्षित) विधानसभा सीट से चुनाव जीता था और 2014 में उन्हें सांसद का टिकट मिला और तब वह संसद पहुँची थीं। 2018 में वो बीजेपी छोड़कर, कॉन्ग्रेस में शामिल हो गई थीं।
पूर्व सांसद सावित्री बाई फुले की 6 साल की उम्र में शादी कर दी गई, लेकिन विदाई नहीं हुई थी। बाल-विवाह के बावजूद फूले छ: साल की उम्र में ही समाज सेवा से जुड़ गई थीं, लेकिन राजनैतिक जीवन की शुरुआत आठ साल की उम्र से हुई। हालाँकि, 16 दिसंबर, 1995 को एक सामाजिक आंदोलन के दौरान उन्हें पीएसी की गोली लग गई, जिसके बाद उन्हें लखनऊ जेल ले जाया गया। जेल पहुँचते ही उन्होंने तय कर लिया था कि उन्हें अब केवल समाज सेवा ही करनी है।
जेल से निकलने के बाद सावित्री बाई फुले ने अपने पिता से बात की और ससुराल पक्ष वालों को बुलाकर अपनी इच्छा व्यक्त की। सबकी सहमति के बाद अपनी सगी छोटी बहन की शादी अपने पति से कराने के बाद उन्होंने पूरी तरह से संन्यास धारण कर लिया और बहराइच के जनसेवा आश्रम से जुड़ गईं। इसके बाद वो ग़रीब लड़कियों की शादी कराने, साधुओं का भंडारा, प्रवचन जैसे कामों में जुट गईं।
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