G-20 समिट में हिस्सा लेने के लिए भारत आई इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी मीडिया-सोशल मीडिया पर चर्चा में हैं। नई दिल्ली में आयोजित शिखर सम्मलेन के दौरान उन्होंने दिल्ली स्थित हैदराबाद हाउस में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। इस बैठक में दोनों लीडर्स के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई। इसके बाद दोनों लीडर्स ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की।
इस दौरान इटली की पीएम मेलोनी ने मोदी को दुनिया का मोस्ट लव्ड (सबसे चहेता) नेता बताया। जिसके बाद से मेलोनी और प्रधानमंत्री मोदी की कई तस्वीरें वायरल हैं। जियोर्जिया मेलोनी इसलिए भी चर्चा में हैं क्योंकि वह इटली की पहली दक्षिणपंथी प्रधानमंत्री हैं। साथ ही लोग उनके खूबसूरत अंदाज, ड्रेसिंग सेन्स और सुंदरता के भी कायल हो गए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने भी शनिवार (9 सितम्बर, 2023) को जियोर्जिया मेलोनी के साथ वार्ता के बाद सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट किया, “प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी के साथ मेरी मुलाकात बहुत अच्छी रही। हमारी बातचीत में व्यापार, वाणिज्य, रक्षा, उभरती प्रौद्योगिकियों और अन्य क्षेत्रों पर चर्चा हुई। भारत और इटली वैश्विक समृद्धि के लिए मिलकर काम करते रहेंगे।”
I had excellent meeting with PM @GiorgiaMeloni. Our talks covered sectors such as trade, commerce, defence, emerging technologies and more. India and Italy will keep working together for global prosperity. pic.twitter.com/mBtyczMjB0
— Narendra Modi (@narendramodi) September 9, 2023
वहीं ज्वॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मेलोनी ने यह कहकर अपने भारत के प्रति प्रेम का इजहार किया, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया के मोस्ट लव्ड (सबसे चहेते) लीडर हैं। ये बात साबित हो चुकी है कि वाकई वो वर्ल्ड के कितने बड़े नेता हैं। इसके लिए उन्हें बहुत-बहुत बधाई।”
Our Hon'ble PM Shri @narendramodi ji deserves every bit of appreciation. pic.twitter.com/INs4NAUwm3
— Harsh Sanghavi (@sanghaviharsh) March 2, 2023
मजेदार बात यह है कि मेलोनी की बात सुनकर प्रधानमंत्री मोदी भी मुस्कुरा दिए। वहीं जियोर्जिया मेलोनी ने यह भी कहा कि पीएम मोदी जानते हैं कि वे इटली के साथ संबंधों को बढ़ाने के लिए हम पर पूरा भरोसा कर सकते हैं। ऐसे में मेलोनी के भारत के प्रति प्रेम को देखकर भी लोग खुद को उनकी तारीफ करने से नहीं रोक नहीं पा रहे। सोशल मीडिया पर उनके काफी मीम्स और वीडियो वायरल हो रहे हैं।
ऐसे में भारत और इटली के बीच बढ़ते प्रगाढ़ संबंधों के बीच आइए जानते हैं प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी के बारे में, उनका इस बार भारत आना भी क्यों खास है। साथ ही भारत के साथ मिलकर उठाए गए उनके कई कदमों ने चीन की नींद उड़ा दी है।
बता दें कि जियोर्जिया मेलोनी ऐसे समय में भारत आई हैं, जब पहले से चीन के BRI प्रोजेक्ट को लेकर ड्रैगन के साथ उनके संबंध ठीक नहीं चल रहे हैं। इटली ने चीन के BRI (Belt and Road Initiative) प्रोजेक्ट से अपने हाथ पीछे खींचने का फैसला किया है। अगर इटली ऐसा करता है तो चीन को अरबों डॉलर का नुकसान होगा, वहीं दूसरी ओर G20 समिट के दौरान पीएम मोदी ने भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा शुरू करने का ऐलान किया। इसमें भारत, संयुक्त अरब अमीरात (UAE), सऊदी अरब, यूरोपीय संघ, फ्रांस, इटली, जर्मनी और अमेरिका शामिल हैं। ये बात चीन को परेशान कर सकती है।
कौन हैं जियोर्जिया मेलोनी
जियोर्जिया मेलोनी का जन्म 15 जनवरी 1977 को हुआ। प्रधानमंत्री बनने से पहले वह एक इतालवी पत्रकार और पॉलिटिशियन थीं। सेकंड वर्ल्ड वॉर के बाद तानाशाह बेनिटो मुसोलिनी के समर्थकों ने एक आंदोलन शुरू किया था। इसे इटालियन सोशल मूवमेंट नाम दिया गया था। 15 साल की उम्र में मेलोनी ने इसके यूथ विंग में काम किया। मेलोनी के पिता अकाउंटेंट थे। रोम में जन्मीं मेलोनी अंग्रेजी, स्पेनिश और फ्रेंच बोलती हैं। उनकी एक बेटी है, जिसका जन्म 2006 में हुआ।
इटली की पहली दक्षिणपंथी प्रधानमंत्री
बता दें कि जियोर्जिया मेलोनी साल 2008 में 31 साल की उम्र में इटली की सबसे युवा मंत्री बनी थीं। वहीं साल 2012 में उन्होंने ब्रदर्स ऑफ इटली पार्टी की स्थापना की। इसके बाद 2021 में मेलोनी की किताब आई ‘आइ एम जियोर्जिया’, जिसमें उनके विजन और विचारों पर खूब बात हुई है
जियोर्जिया मेलोनी के बारें में एक तथ्य ये भी है कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद इटली में ये पहली बार हुआ है जब राइट विंग कि कोई नेता प्रधानमंत्री की गद्दी पर बैठी हों। ब्रदर्स ऑफ इटली पार्टी की नेता मेलोनी ने प्रधानमंत्री बनने से पहले ही मुस्लिम अप्रवासियों को शरण देने का खुलकर विरोध किया था और इसके साथ ही समलैंगिकों (LGBT) का भी उन्होंने जमकर विरोध किया था।
कहते हैं कि बेनिटो मुसोलिनी के बाद इटली की पहली दक्षिणपंथी नेता का खिताब भी प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी के नाम पर है। जियोर्जिया की पार्टी इटली के तानाशाह रहे मुसोलिनी की खुली समर्थक है। उन्होंने इटली में प्रधानमंत्री बनने के दौड़ के दौरान ही ‘इटली फर्स्ट’ कहकर अपनी सांस्कृतिक पसंद की ओर इशारा कर दिया था कि किस तरह से अब इटली में राष्ट्रवाद की बात होगी। प्रधानमंत्री पद के चुनाव के दौरान से ही वह सुर्खियों में हैं। देश की बहुसंख्यक जनता ने जियोर्जिया मेलोनी और उनकी स्पष्ट नीतियों को पसंद किया। परिणाम स्वरुप उन्हें इटली के आम चुनावों में भारी सफलता मिली और अब वह देश की पहली महिला प्रधानमंत्री हैं।
कट्टरपंथी इस्लाम, आतंकवाद और समलैंगिकता की मुखर विरोधी
25 सितंबर, 2022 को अपनी जीत के बाद से ही मेलोनी समर्थक जहाँ खुश हैं वहीं उनके आलोचक उनकी दक्षिणपंथी ब्रदर्स ऑफ़ इटली पार्टी के उदय के बाद से ही लगातार हमले कर रहे हैं। मेलोनी जिन मुद्दों पर चुनाव जीतकर आईं थीं, उन्होंने प्रधानमंत्री बनते ही स्पष्ट कर दिया है कि वह एलजीबीटी लॉबी, जेंडर आइडियोलॉजी और कट्टरपंथी इस्लाम का विरोध करती हैं, इसके साथ अपने ऊपर लगाए जा रहे आरोप की वह नव-फासीवादी हैं, उन्होंने साफ़ मना कर दिया था।
बता दें कि जियोर्जिया मेलोनी पर एलजीबीटी, फासीवादी और इस्लामोफोबिक होने के आरोप शुरू से ही लगते रहे हैं लेकिन वो इनसे इनकार करती रहीं हैं। लेकिन उन्होंने चुनाव जीतने के बाद से ही अपनी प्राथमिकताएँ गिनाते हुए एलजीबीटी लॉबी और प्रवासन पर विरोध जताया था। साथ ही उन्होंने इस्लामिक आतंकवाद को काबू में करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने खासतौर से मुस्लिम आप्रवासियों को इटली के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया था।