Monday, December 23, 2024
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बालाघाट की जमीन से महाकाल के ‘भक्त’ ने जनता को किया नमन, कहा- मौज करने के लिए पैदा नहीं हुआ मोदी, मेहनत करता है

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "कभी कॉन्ग्रेस सरकार अपनी शिकायतें लेकर दूसरे देशों के पास जाती रहती थी, लेकिन आज वक्त बदल चुका है। दुनिया के बड़े-बड़े देश, आपस में युद्ध कर रहे देश... भारत से अपने मुद्दों पर बात करने के लिए आते हैं। अपने देश का ये रुतबा देखकर हर देशवासी का रुतबा बुलंद हो जाता है।"

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनाव 2024 का प्रचार जोर-शोर से कर रहे हैं। एक-एक दिन में वे कई-कई रैलियों में हिस्सा ले रहे हैं। पीएम मोदी मंगलवार (9 अप्रैल 2024) को उत्तर प्रदेश के पीलीभीत के बाद मध्य प्रदेश के बालाघाट पहुँचे और जनता को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कॉन्ग्रेस पर जमकर निशाना साधा।

जनता को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “जो लोग अपनी तिजोरियाँ भरने राजनीति में आए हैं वे मोदी को धमकी न दें। मोदी तो अपनी कमाई भी देश सेवा में लगा देने की आदत रखता है। मोदी मौज करने के लिए पैदा नहीं हुआ है। मोदी मेहनत करता हैं, क्योंकि उसके लक्ष्य बहुत बड़े हैं।”

प्रधानमंत्री ने कहा, “मैंने देश विरोधी ताकतों को अंजाम तक पहुँचाने के लिए सीखा है। हम इन गीदड़भभकियों से नहीं डरते हैं। इंडी गठबंधन के लोग मोदी से चिढ़े हुए हैं। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर ये लोग मोदी को गाली देते हैं। मोदी या तो महाकाल के सामने झुकता है या फिर जनता जनार्दन के सामने।”

उन्होंने कहा कि भाजपा ने अब तक जो विकास के कार्य किए हैं, वो तो फुलझड़ी है। अभी तो विकास के रॉकेट को और भी ऊँचाई पर लेकर जाना है। पीएम मोदी ने कहा कि अभी तो ये ट्रेलर है। असली दीपावली मननी तो अभी बाकी है। ये चुनाव नए भारत के निर्माण के मिशन है। ये विकसित भारत, विकसित मध्यप्रदेश के संकल्प को नई उर्जा देने वाला चुनाव है।

कॉन्ग्रेस पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा, “जब देश में पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति पद के लिए आगे बढ़ीं, तब कॉन्ग्रेस ने उन्हें हराने के लिए पूरी ताकत लगा दी। कॉन्ग्रेस ने कभी आदिवासी विरासत का सम्मान तक नहीं किया। गोविंद गुरु जैसे क्रांतिकारी को स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा तक नहीं दिया। कॉन्ग्रेस आजादी का श्रेय ​किसी आदिवासी को नहीं, अपने शाही परिवार को देना चाहती है।”

उन्होंने कहा, “आजादी के बाद दशकों तक कॉन्ग्रेस बहुत ही पुरानी सोच पर चली। एक तो उनके मन में आजादी के आंदोलन का अहंकार भरा पड़ा था और सामान्य लोगों ने जो आजादी के आंदोलन में त्याग किया, तपस्या की और बलिदान दिया, उसे सत्ता में आते ही कॉन्ग्रेस ने नकार दिया। एक छोटे से परिवार का कुनबा हावी हो गया और उसी की सोच देश को पिछड़ेपन की ओर धकेलती गई।”

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “कभी कॉन्ग्रेस सरकार अपनी शिकायतें लेकर दूसरे देशों के पास जाती रहती थी, लेकिन आज वक्त बदल चुका है। दुनिया के बड़े-बड़े देश, आपस में युद्ध कर रहे देश… भारत से अपने मुद्दों पर बात करने के लिए आते हैं। अपने देश का ये रुतबा देखकर हर देशवासी का रुतबा बुलंद हो जाता है।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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