देश की कई भाजपा शासित राज्य सरकारों ने लव जिहाद के विरुद्ध सख्त क़ानून बनाने का ऐलान किया है। इसी कड़ी में केंद्रीय मंत्री और फायरब्रांड भाजपा नेता गिरिराज सिंह ने लव जिहाद के मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने बिहार में लव जिहाद के मुद्दे पर क़ानून बनाने की बात का समर्थन किया है। उनका कहना है कि पिछले कुछ समय से यह मुद्दा देश के कई प्रदेशों में बड़ी समस्या बन कर उभरा है।
शुक्रवार (20 नवंबर 2020) को बिहार की राजधानी पटना में मीडियाकर्मियों ने बात करते हुए गिरिराज सिंह लव जिहाद पर क़ानून बनाए जाने को लेकर बयान दिया। केंद्रीय मंत्री ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अनुरोध किया कि सरकार के लिए समझना अनिवार्य हो चुका है, लव जिहाद और जनसंख्या नियंत्रण इन दोनों विषयों का साम्प्रदायिकता से कोई सरोकार नहीं है।
उन्होंने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा, “लव जिहाद देश के सभी राज्यों में केवल हिंदुओं के लिए ही नहीं, बल्कि अन्य गैर मुस्लिम समुदायों में भी परेशानी के रूप में देखा जाना चाहिए। केरल में ईसाइयों की आबादी अधिक है और वहाँ भी लोगों ने लव जिहाद के मुद्दे को लेकर चिंता जताई है।”
दरअसल इस साल के जनवरी महीने में केरल की साइरो-मालाबार चर्च ने दावा किया था कि पिछले 3 सालों में 12 ईसाई महिलाओं को लव जिहाद में फँसाया गया और इसके बाद उनसे इस्लाम कबूल करवा लिया गया। इतना ही नहीं उन महिलाओं को सीरिया भी भेज दिया गया था। चर्च ने इस पूरे घटनाक्रम को इस्लामिक स्टेट (IS) का बड़ा षड्यंत्र बताया था, जिसके तहत वह केरल का धार्मिक और सामजिक सौहार्द बिगाड़ना चाह रहे थे।
गिरिराज सिंह ने इस घटना के दौरान लगाए गए आरोपों का उल्लेख करते हुए कहा कि लव जिहाद के नाम पर ईसाई लड़कियों के साथ अत्याचार किया जा रहा है और उन्हें जान से मारा जा रहा है। अंत में भाजपा नेता ने कहा कि बिहार में लव जिहाद के विरुद्ध क़ानून बनाने से ही हालात बेहतर होंगे, तभी इस समस्या को जड़ से समाप्त किया जा सकता है। राज्य सरकार को यह समझना होगा कि लव जिहाद को रोकने के लिए क़ानून निर्माण का सीधा सरोकार सामाजिक समरसता से है, न कि साम्प्रदायिकता से।
दरअसल हाल फ़िलहाल में देश के कई भाजपा शासित राज्यों ने लव जिहाद को रोकने के लिए सख्त क़ानून बनाने का ऐलान किया है। इसमें उत्तर प्रदेश, हरियाणा और मध्य प्रदेश की राज्य सरकारें शामिल हैं।