गोवा (Goa) में दूसरे दलों के नेताओं को लगातार पार्टी में शामिल करा रही तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) को एक झटका लगा है। लगभग तीन महीने पहले ही तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) में शामिल हुए गोवा के एक पूर्व विधायक ने पार्टी पर घोर सांप्रदायिक होने का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया है। टीएमसी छोड़ने का ऐलान करने वाले पूर्व विधायक लवू मामलेदार (Lavoo Mamledar) ने कहा कि टीएमसी राज्य विधानसभा चुनाव से पहले वोटों के लिए हिंदुओं और ईसाइयों के बीच विभाजन पैदा करने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने कहा, “मैं सितंबर में टीएमसी में शामिल हुआ क्योंकि मैं ममता जी के 2021 के विधानसभा चुनाव के प्रदर्शन और हाई-कमांड संस्कृति के प्रति उनके रूख से प्रभावित था। लेकिन पाँच नवंबर को TMC और MGP (महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी) के बीच गठबंधन के बाद हमने इसका घोर सांप्रदायिक रूप देखा।”
I joined TMC in Sept as I was impressed with Mamata Ji’s 2021 Assembly election performance & her reluctance to high-command culture. But we noticed that culture & communalism on Dec 5 after alliance b/w MGP & BJP: Ex-Ponda MLA Lavoo Mamledar, on quitting TMC soon after joining pic.twitter.com/zFlXK6nXSg
— ANI (@ANI) December 24, 2021
उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि योजनाओं के लिए जानकारी एकत्र करने के नाम पर पार्टी लोगों का डाटा भी जुटा रही है। पिछले 15-20 दिन में उन्होंने जो कुछ देखा है उससे पूरी तरह साफ है कि टीएमसी भाजपा से भी खराब है।
TMC launched ‘Laxmi Bhandar’ scheme, promising Rs 500 per month to WB women. But in Goa, they promised Rs 5000 per month, which is next to impossible. When a party feels defeated, they do false promises. I won’t be a part of a party who fools people: Ex-Ponda MLA Lavoo Mamledar
— ANI (@ANI) December 24, 2021
लवू मामलेदार ने आगे कहा, “TMC ने ‘लक्ष्मी भंडार’ स्कीम लॉन्च किया। इसके तहत उन्होंने पश्चिम बंगाल की महिलाओं को हर महीने 500 रुपए देने का वादा किया। लेकिन गोवा में उन्होंने 5,000 रुपए देने का वादा किया, जो कि लगभग असंभव है। जब कोई पार्टी खुद को हारा हुआ महसूस करती है तो वह झूठे वादे करती है।”
पोंडा से पूर्व विधायक लवू मामलेदार सितंबर के अंतिम सप्ताह में तृणमूल कॉन्ग्रेस में शामिल हुए थे। वह राज्य के उन शुरुआती नेताओं में से एक थे जिन्होंने टीएमसी से जुड़ने का फैसला किया था। इस साल बंगाल में जीत से भाजपा को करारा झटका देने वाली टीएमसी ने फरवरी 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों में प्रदेश की सभी 40 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया है। इसके लिए उसने भाजपा की पूर्व सहयोगी एमजीपी के साथ हाथ मिलाया है।