तमिलनाडु के बिजली मंत्री सेंथिल बालाजी को जॉब स्कैम में गिरफ्तार किए जाने के बाद अब गवर्नर आर.एन रवि ने उन्हें मंत्रिपरिषद से बर्खास्त कर दिया है। गवर्नर के इस फैसले के बाद मुख्यमंत्री स्टालिन भड़के हुए हैं। उन्होंने धमकी दी है कि इस मुद्दे का सामना वो कानूनी रूप से करेंगे।
बता दें कि सेंथिल बालाजी के गिरफ्तार होने के बाद तमिलनाडु राजभवन ने बयान जारी कर कहा कि मंत्री वी सेंथिल बालाजी नौकरियों के बदले पैसे लेने और मनी लॉन्ड्रिंग सहित भ्रष्टाचार के कई मामलों में गंभीर आपराधिक कार्यवाही का सामना कर रहे हैं। इन परिस्थितियों में राज्यपाल ने उन्हें तत्काल प्रभाव से मंत्रिपरिषद से बर्खास्त कर दिया है।
Tamil Nadu Governor RN Ravi dismisses jailed V Senthil Balaji from the Council of Ministers with immediate effect. pic.twitter.com/fhDJdxUZxE
— ANI (@ANI) June 29, 2023
राजभवन के बयान में कहा गया कि थिरु वी सेंथिल बालाजी एक मंत्री के रूप में अपने पद का दुरुपयोग करते हुए जाँच को प्रभावित कर रहे हैं और कानून और न्याय की उचित प्रक्रिया में बाधा डाल रहे हैं। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के तहत कुछ और आपराधिक मामलों की जाँच राज्य पुलिस की ओर से की जा रही है। ऐसे में आशंकाएँ हैं कि मंत्रिपरिषद में सेंथिल बालाजी के मंत्रिमंडल में बने रहने से निष्पक्ष जाँच पर सीधा प्रभाव पड़ेगा और इससे राज्य में संवैधानिक तंत्र टूट सकता है। इन्हीं परिस्थितियों को देखते हुए राज्यपाल ने उनको तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया है।
राजभवन के इस फैसले के बाद मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा, “राज्यपाल के पास किसी मंत्री को कैबिनेट से बर्खास्त करने का कोई अधिकार नहीं है, हम कानूनी रूप से इस मुद्दे का सामना करेंगे।”
#WATCH | "The Governor doesn't have rights, we will face this legally," says Tamil Nadu Chief Minister MK Stalin on the dismissal of Tamil Nadu Minister V Senthil Balaji by Governor RN Ravi https://t.co/ba818uQX8t pic.twitter.com/B4NXeYM3kI
— ANI (@ANI) June 29, 2023
बता दें कि जॉब स्कैम मामले में 13 जून की करीब सुबह 7 बजे ईडी ने सेंथिल बालाजी के घर पर छापा मारा था। इसकी सूचना मिलने पर बालाजी टैक्सी पकड़ कर घर गए। इसके बाद शुरू हुई लंबी पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। जब ED ने सेंथिल बालाजी को हिरासत में लिया, तब उन्होंने सीने में दर्द होने की शिकायत की।
इसके बाद उन्हें मेडिकल जाँच के लिए चेन्नई के ओमंदुरार सरकारी हॉस्पिटल ले जाया गया। जहाँ वह रोते हुए नजर आए। इस दौरान मंत्री के समर्थक हॉस्पिटल के बाहर नारेबाजी करते दिखाई दिए। उनकी शिकायत के बाद अस्पताल में उनकी बायपास सर्जरी हुई थी। बाद में उन्हें 14 दिन न्यायिक हिरासत में भेजा गया और फिर हिरासत को बढ़ाकर 12 जुलाई तक कर दिया गया।