पाटीदार नेता और गुजरात कॉन्ग्रेस (Gujarat Congress) के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल (hardik Patel) का पार्टी से मोहभंग होता नजर आ रहा है। हार्दिक राज्य में होने वाला आगामी विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं, लेकिन उनका कहना है कि पार्टी लगातार उनकी अनदेखी कर रही है। उन्होंने कहा कि पार्टी में उनकी हालात उस दूल्हे की तरह हो गई है, जिसकी शादी के बाद नसबंदी करा दी गई हो।
हार्दिक ने बुधवार (13 अप्रैल 2022) को कॉन्ग्रेस पर आरोप लगाया कि उन्हें गुजरात प्रदेश कॉन्ग्रेस कमिटी (PCC) की बैठक में भाग लेने के लिए नहीं बुलाया जाता। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी निर्णय में उन्हें शामिल नहीं किया जाता है। उन्होंने कहा, “इस पद का क्या मतलब है? गुजरात कॉन्ग्रेस में कार्यकारी अध्यक्ष का मतलब शादी के बाद दूल्हे की नसबंदी करवाने के बराबर है।”
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 2015 के एक मामले में हार्दिक पटेल की सजा पर रोक लगाने के बाद उन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की थी। इसके बाद उन्होंने अपनी पार्टी पर खुद को नजरअंदाज करने का आरोप लगा दिया। उन्होंने कहा कि कॉन्ग्रेस पाटीदारों का अपमान कर रही है। इस दौरान उन्होंने पाटीदार नेता नरेश पटेल का मामला भी उठाया।
हार्दिक पटेल ने कहा कि कॉन्ग्रेस में निर्णय-शक्ति का अभाव है। केंद्र व प्रदेश में नेता अधिक होने के कारण फैसला ही नहीं हो पाता है, लेकिन नरेश पटेल पर पार्टी को निर्णय लेना ही पड़ेगा। उन्होंने कहा कि 2015 के स्थानीय निकाय चुनाव और 2017 के विधानसभा चुनाव में पाटीदार आंदोलन का कॉन्ग्रेस को फायदा मिला, लेकिन 16 विधायक पार्टी छोड़कर चले गए। कॉन्ग्रेस उन्हें बिकाऊ बताकर अपना पल्ला नहीं झाड़ सकती। सभी बिके नहीं हो सकते, पार्टी में भी कोई कमी रही होगी।
कॉन्ग्रेस पर पाटीदारों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए हार्दिक ने कहा कि साल 2019 और 2021 में इसी कारण पार्टी की हार हुई। उन्होंने कहा कि 2017 में कन्ग्रेस ने उनका उपयोग किया, इस साल नरेश पटेल का उपयोग करना चाहती है तो क्या 2027 में किसी दूसरे पटेल को तलाश करेंगे। उन्होंने कहा कि कॉन्ग्रेस किसी का सम्मान नहीं कर सकती तो नहीं करे, लेकिन अपमान करने का भी उसे अधिकार नहीं है।
बता दें कि खोडलधाम ट्रस्ट के मुखिया नरेश पटेल (Naresh Patel) पिछले कुछ महीनों से सक्रिय राजनीति में आने के संकेत दे रहे हैं। हार्दिक का कहना है कि कॉन्ग्रेस से हरी झंडी नहीं मिलने के कारण पार्टी में उनका प्रवेश अटक गया है। उन्होंने कहा कि नरेश पटेल का पार्टी में क्या स्थान रहेगा, इसका फैसला करने में देर नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कार्यकारी अध्यक्ष को भी पर्याप्त सम्मान मिलना चाहिए।
बता दें कि साल 2015 के आरक्षण आंदोलन से संबंधित एक मामले में गुजरात की मेहसाणा की एक अदालत ने साल 2018 में हार्दिक पटेल को दो साल की सजा सुनाई थी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (12 अप्रैल 2022) को रोक लगा दी है।
गुजरात के पिछले विधानसभा चुनावों से पहले हार्दिक पटेल ने आरक्षण को लेकर आंदोलन किया था और वह एक युवा नेता के रूप में उभरे थे। उसके बाद कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गाँधी (Rahul Gandhi) ने खुद उन्हें पार्टी में शामिल कराया था। इसके बाद हार्दिक ने कहा था कि पार्टी में उन्हें कोई भूमिका नहीं दी जा ही है। इसके बाद उन्हें साल 2020 में प्रदेश कॉन्ग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था।