कॉन्ग्रेस पार्टी की हालत आए दिन बद से बदतर होती नजर आ रही है। बिहार में करारी हार के बाद अब गुजरात में पार्टी की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार, गुजरात कॉन्ग्रेस अध्यक्ष अमित चावड़ा और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता परेश धानाणी ने सभी आठ विधानसभा सीटों पर कॉन्ग्रेस के उपचुनाव हारने के बाद अपने इस्तीफे की पेशकश की है।
गुजरात कॉन्ग्रेस के प्रभारी राजीव सातव को उन्होंने अपना त्याग पत्र सौंपा है। सातव ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि कॉन्ग्रेस पार्टी महीने के अंत तक इस्तीफा पर फैसला करेगी। संगठन द्वारा इस्तीफे और पार्टी में अन्य परिवर्तनों के बारे में घोषणा दिल्ली से किया जाएगा।
गौरतलब है कि जिन आठ निर्वाचन क्षेत्रों के लिए उपचुनाव हुए उनमें अब्दसा, कर्जन, मोरबी, गढ़ा, धारी, लिंबडी, कपराडा और डांग शामिल हैं। ये सीटें पहले कॉन्ग्रेस पार्टी के पास थी। जिन पर कॉन्ग्रेस के 8 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफे के बाद पिछले महीने विधानसभा के उपचुनाव हुए थे। जिनमें से पाँच विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे। कॉन्ग्रेस पार्टी में बिखराव के चलते पार्टी ने अपनी राज्यसभा की सीट भी गँवा दी थी।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में चावड़ा और अन्य कॉन्ग्रेस नेताओं और समर्थकों को अहमदाबाद हवाई अड्डे के बारे में फर्जी खबर साझा करने पर भारी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। दरअसल, एक ट्वीट में कॉन्ग्रेस नेता ने दावा किया था कि सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का नाम अडानी हवाई अड्डों से बदल दिया गया। जबकि केंद्र द्वारा अहमदाबाद स्थित ‘सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट’ के संचालन का काम अडाणी समूह को दिया गया है, पर उसका नाम नहीं बदला गया है। यह ग्रुप जीएमआर समूह की तरह हवाई अड्डे के संचालन की देखरेख करेगा।
सरदार विरोधी, अदानी प्रेमी भाजपा
— Amit Chavda (@AmitChavdaINC) December 12, 2020
सरदार पटेल के नाम पे सिर्फ अपने राजकाज को चमकाने वाली भ्रष्ट भाजपा सरकार ने अपने उद्योगपति मित्र की खिदमत में गुजरात के अहमदाबाद एयरपोर्ट से देश के लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल का नाम गायब कर के अदानी एयरपोर्ट कर दिया। #बेशर्म_भाजपा pic.twitter.com/zhjz4EC9s8
2020 में कॉन्ग्रेस की बढ़ती मुश्किलें
कॉन्ग्रेस के आठ विधायकों ने पार्टी के कामों से नाखुश होते हुए हुए पार्टी से दूरी बना ली। जिनमें से पाँच भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। आठ विधायकों के दलबदल के कारण पार्टी एक राज्यसभा सीट भी हार गई। दिग्गज नेता अहमद पटेल की मौत गुजरात कॉन्ग्रेस के लिए एक और बड़ा सदमा था। वहीं कोविड-19 महामारी की वजह से भरतसिंह सोलंकी और शक्तिसिंह गोहिल जैसे प्रभावशाली नेताओं ने भी जमीनी स्तर के काम से दूरी बनाई रखी।
गुजरात बीजेपी के लिए अच्छे दिन
गुजरात भाजपा राज्य में अच्छा प्रदर्शन कर रही है। हाल के उप-चुनावों में पार्टी ने सभी आठ सीटें जीत हासिल की हैं। गुजरात के भाजपा अध्यक्ष सी आर पाटिल और सीएम विजय रूपानी जनता के बीच अपनी लोकप्रियता बनाए रखने में कामयाब रहे। बता दें गुजरात में फरवरी 2021 में स्थानीय निकाय चुनाव होंगे। राज्य में कॉन्ग्रेस पार्टी की वर्तमान स्थिति स्थानीय निकाय चुनावों में भाजपा के लिए एक और बड़ी जीत की ओर इशारा कर रही है।