Tuesday, November 19, 2024
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गुजरात सरकार ने ईद-ए-मिलाद जुलूस में 400 लोगों को शामिल होने की दी अनुमति, तीन मुस्लिम विधायकों ने CM को लिखा था पत्र

राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के नियंत्रित मामलों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने गुजरात में गणेश चतुर्थी और नवरात्रि के दौरान नियमों में ढील दी थी।

गुजरात सरकार ने सोमवार को ईद-ए-मिलाद जुलूस के लिए 400 लोगों को इकट्ठा होने की अनुमति दी है। हालाँकि, यह जुलूस उस इलाके, कॉलोनी या गली में आयोजित हो, लेकिन क्षेत्र से बाहर न जाए। कॉन्ग्रेस के तीन मुस्लिम विधायकों- ग्यासुद्दीन शेख, इमरान खेड़ावाला और मोहम्मद जाविद पीरजादा द्वारा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्य सरकार से जुलूस में भाग लेने वाले लोगों की संख्या सीमा बढ़ाने का आग्रह किया था, इसके बाद यह अनुमति दी गई है।

इसके पहले सरकार ने जुलूस में एक वाहन और 15 लोगों से अधिक लोगों के शामिल होने पर प्रतिबंध लगाया था। राज्य के गृह विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों से नाखुश शेख और दो अन्य मुस्लिम विधायकों ने गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को पत्र लिखा था।

कॉन्ग्रेस के तीन मुस्लिम विधायकों द्वारा लिखा गया पत्र

फेसबुक पेज पर साझा किए गए अपने पत्र में कांग्रेस विधायक इमरान खेड़ावाला ने बताया था कि राज्य के गृह विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों में ईद के जुलूस को 15 लोगों तक सीमित रखा गया था, जबकि राजनीतिक रैलियों और अन्य धर्मों के त्योहारों के उत्सव में यह सीमा 400 तक बढ़ाई गई। पत्र में कहा गया है, “ईद-ए-मिलाद के जुलूस पर लगाई गई पाबंदियों को देखकर हमें अन्याय का अहसास होता है। एक तरफ मुख्यमंत्री समेत तमाम पार्टियों के नेता और बीजेपी के दूसरे नेता हजारों लोगों के साथ अपनी राजनीतिक रैलियाँ कर रहे हैं। राज्य सरकार ने वर्तमान दिशा-निर्देशों के तहत अन्य धर्मों के त्योहारों को मनाने के लिए 400 लोगों की सीमा रखी गई है। उसी तर्ज पर हमने भी अनुमति माँगी थी, लेकिन सरकार ने हमें केवल एक कार और 15 लोगों को जुलूस में इस्तेमाल करने की अनुमति दी। यह भेदभाव और मजाक जैसा लगता है। हम इस पर हैरान हैं।”

इसके बाद, राज्य सरकार ने सोमवार को एक ‘स्पष्टीकरण’ जारी करते हुए कहा कि एक जुलूस में 400 तक लोग शामिल हो सकते हैं। नए दिशा-निर्देश में कहा गया है कि अगर जुलूस सीमित क्षेत्र से बाहर निकलता है तो केवल 15 लोगों को ही भाग लेने की अनुमति होगी। इसके अतिरिक्त, सरकार ने कहा है कि जुलूस केवल दिन में ही निकाला जा सकता है और कम-से-कम समय में पूरा किया जाना चाहिए। वर्तमान में, राज्य ने गुजरात के आठ प्रमुख शहरों में रात 12 बजे से सुबह 6 बजे तक रात का कर्फ्यू लगा रखा है।

इसके बाद मुस्लिम विधायकों ने जुलूस में शामिल होने वाले मुसलमानों की संख्या बढ़ाए जाने पर राज्य सरकार एवं मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। इन विधायकों ने एक पत्र लिखकर राज्य सरकार को धन्यवाद ज्ञापित किया आश्वस्त किया कि कोविड-19 के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए जुलूस निकाला जाएगा।


राज्य में कोरोना संक्रमण के नियंत्रित मामलों को देखते हुए राज्य सरकार ने गुजरात में गणेश चतुर्थी और नवरात्रि के उत्सवों में ढील दी थी। नवरात्रि के दौरान रिहायशी इलाकों में आयोजित गरबा कार्यक्रम में 400 लोगों तक शामिल होने की अनुमति दी गई थी। इसी तरह, सितंबर में आयोजित गणेश चतुर्थी के दौरान बाहरी उत्सव के लिए 400 लोग और इनडोर उत्सव के लिए 200 लोगों की सीमा तय की गई थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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