Sunday, December 22, 2024
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नेशनल कॉन्फ्रेंस से गठजोड़ कर आरक्षण पर घिरे राहुल गाँधी, अमित शाह ने दागे 10 सवाल: पूछा- क्या जम्मू-कश्मीर के लिए अलग झंडे का समर्थन करती है कॉन्ग्रेस?

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लिखा, "सत्ता के लालच में बार-बार देश की एकता और सुरक्षा को खतरे में डालने वाली कॉन्ग्रेस पार्टी ने जम्मू-कश्मीर चुनाव में अब्दुल्ला परिवार की 'नेशनल कॉन्फ्रेंस' के साथ गठबंधन करके एक बार फिर अपने छिपे हुए इरादों को उजागर किया है।

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में विधानसभा चुनाव की घोषणा के कुछ ही दिन के भीतर राहुल गाँधी ने कश्मीर का दौरा किया। उनके इस दौरे के साथ ही कॉन्ग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच गठबंधन की घोषणा की गई। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कॉन्ग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने राहुल गाँधी और कॉन्ग्रेस से 10 सवाल पूछे हैं।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एक्स पर लिखा, “सत्ता के लालच में बार-बार देश की एकता और सुरक्षा को खतरे में डालने वाली कॉन्ग्रेस पार्टी ने जम्मू-कश्मीर चुनाव में अब्दुल्ला परिवार की ‘नेशनल कॉन्फ्रेंस’ के साथ गठबंधन करके एक बार फिर अपने छिपे हुए इरादों को उजागर किया है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के घोषणापत्र में किए गए वादों को देखते हुए कॉन्ग्रेस पार्टी और राहुल गाँधी से मेरे 10 सवाल हैं।”

  1. क्या कॉन्ग्रेस नेशनल कॉन्फ्रेंस के जम्मू-कश्मीर के लिए अलग झंडे के वादे का समर्थन करती है?
  2. क्या राहुल गांधी और कॉन्ग्रेस पार्टी JKNC के अनुच्छेद 370 और 35A को बहाल करने और इस तरह जम्मू-कश्मीर को अशांति और आतंकवाद के युग में धकेलने के फैसले का समर्थन करते हैं?
  3. क्या कॉन्ग्रेस कश्मीर के युवाओं के बजाय पाकिस्तान के साथ बातचीत में शामिल होकर फिर से अलगाववाद को बढ़ावा देने का समर्थन करती है?
  4. क्या कॉन्ग्रेस पार्टी और राहुल गांधी नेशनल कॉन्फ्रेंस के पाकिस्तान के साथ ‘एलओसी व्यापार’ शुरू करने के फैसले का समर्थन करते हैं, जिससे सीमा पार आतंकवाद और उसके पारिस्थितिकी तंत्र का पोषण होता है?
  5. क्या कॉन्ग्रेस आतंकवाद और पत्थरबाजी में शामिल लोगों के रिश्तेदारों को सरकारी नौकरियों में बहाल करने का समर्थन करती है, जिससे आतंकवाद, उग्रवाद और हड़तालों का युग वापस आ जाएगा?
  6. गठबंधन ने कॉन्ग्रेस पार्टी के आरक्षण विरोधी रुख को उजागर कर दिया है। क्या कॉन्ग्रेस दलितों, गुज्जरों, बकरवालों और पहाड़ी समुदायों के लिए आरक्षण समाप्त करने के जेकेएनसी के वादे का समर्थन करती है, जिससे उनके साथ अन्याय होगा?
  7. क्या कॉन्ग्रेस चाहती है कि ‘शंकराचार्य हिल’ को ‘तख्त-ए-सुलेमान’ और ‘हरि हिल’ को ‘कोह-ए-मारन’ के नाम से जाना जाए?
  8. क्या कॉन्ग्रेस जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था को भ्रष्टाचार में धकेलने और इसे चुनिंदा पाकिस्तान समर्थित परिवारों को सौंपने की राजनीति का समर्थन करती है?
  9. क्या कॉन्ग्रेस पार्टी जम्मू और घाटी के बीच भेदभाव की जेकेएनसी की राजनीति का समर्थन करती है?
  10. क्या कॉन्ग्रेस पार्टी और राहुल गांधी कश्मीर को स्वायत्तता देने की जेकेएनसी की विभाजनकारी राजनीति का समर्थन करते हैं?

बता दें कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव तीन चरणों में 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को होंगे। नतीजे 4 अक्टूबर को घोषित किए जाएँगे। पहले चरण के लिए नामांकन 27 अगस्त, दूसरे चरण के लिए 5 सितंबर और तीसरे चरण के लिए 12 सितंबर से दाखिल किए जाएँगे। इस चुनाव में कश्मीरी प्रवासियों के लिए दिल्ली, जम्मू और उधमपुर में स्पेशल पोलिंग बूथ बनाए गए हैं।

जम्मू-कश्मीर में कुल 90 निर्वाचन क्षेत्र हैं जिनमें से 74 जनरल, 9 अनुसूचित जाति और 7 अनुसूचित जनजाति के लिए हैं। केंद्रशासित प्रदेश में मतदाताओं की संख्या कुल 87.09 लाख हैं जिसमें 44.46 लाख पुरुष और 42.62 लाख महिला मतदाता हैं। जम्मू-कश्मीर में युवा मतदाताओं की संख्या 20 लाख है। पिछले साल दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को 30 सितंबर तक जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने का निर्देश दिया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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