नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में मंगलवार (21 जनवरी, 2019) को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लखनऊ में एक जनसभा की। प्रदेश की राजधानी में इस जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने विपक्ष के खिलाफ़ हुंकार भरी। उन्होंने भाषण की शुरुआत ‘भारत माता की जय’ से करते हुए समाजवादी पार्टी, कॉन्ग्रेस, बहुजन समाज पार्टी, तृणमूल कॉन्ग्रेस को नागरिकता कानून को लिए जिम्मेदार ठहराया। साथ ही ये भी कहा कि कोई कुछ भी कर ले, सीएए वापस नहीं होगा।
अमित शाह ने सीएए के ख़िलाफ़ दुष्प्रचार कर रहे नेताओं को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ दुष्प्रचार किया जा रहा है कि इसकी वजह से इस देश के मुस्लिमों की नागरिकता चली जाएगी। ममता दीदी, राहुल बाबा, अखिलेश यादव चर्चा करने के लिए सार्वजनिक मंच तलाश लो, हमारा स्वतंत्र देव चर्चा करने के लिए तैयार है। सीएए की कोई भी धारा, मुस्लिम छोड़ दीजिए, अल्पसंख्यक छोड़ दीजिए किसी भी व्यक्ति की नागरिकता ले सकती है तो वह मुझे दिखा दीजिए।”
इस दौरान गृहमंत्री ने विपक्षी नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा, “राहुल बाबा ऐंड कंपनी, ममता, बहन मायावती, अखिलेश यादव नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ काँव-काँव करने लगे। मैं उत्तर प्रदेश की जनता को बताने आया हूँ कि सीएए क्या है।”
#WATCH Union Home Minister Amit Shah in Lucknow: Modi ji #CAA lekar aaye, aur CAA ke khilaf, yeh Rahul baba and company, Mamata, Akhilesh ji, behen Mayawati, saari ki saari brigade CAA ke khilaf ‘kau kau kau’ karne lage. pic.twitter.com/xMys1yiu3J
— ANI UP (@ANINewsUP) January 21, 2020
गृहमंत्री ने सीएए का समर्थन करते हुए बताया कि देश में भ्रम फैलाया जा रहा है, दंगे कराए जा रहे हैं, आगजनी की जा रही है। यह धरना प्रदर्शन, यह विरोध, यह भ्रांति एसपी-बीएसपी, कॉन्ग्रेस, तृणमूल कॉन्ग्रेस फैला रही है। इसमें किसी की नागरिकता छीनने का कोई प्रावधान नहीं है। इस बिल के अंदर नागरिकता देने का प्रावधान है।
गौरतलब है कि अमित शाह ने इस दौरान विपक्ष से कश्मीरी पंडितों के मामले पर भी सवाल उठाया और पूछा कि उस समय मानवाधिकार कहाँ गया था। जब लाखों कश्मीरी पंडितों को उनके घरों से निकाल दिया गया था।
अमित शाह ने कहा, “पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान… जहाँ भारत के विभाजन के बाद करोड़ों हिंदू वहाँ रह गए। सिख वहाँ रह गए। ईसाई, जैन, बौध, पारसी वहाँ रह गए। मैंने उनके दर्द को सुना है। महात्मा गाँधी की जयंती के दिन एक हजार माताओं-बहनों से बलात्कार किया जाता है, उनको जबरन निकाह पढ़ाया जाता है। हजारों की संख्या में मंदिर-गुरुद्वारे तोड़े जाते हैं। अफगानिस्तान के अंदर आसमान को छूने वाली मूर्ति को तोप के गोले से क्षतिग्रस्त कर दिया गया।”
Amit Shah in Lucknow: At the time of partition, Hindu, Sikh Buddhist&Jain constituted 30% of population in Bangladesh and 23 % in Pakistan. But today, it’s just 7% & 3%, respectively. Where have these people gone? Those who are protesting against CAA, I want to ask them this. pic.twitter.com/kV8yDMulrW
— ANI UP (@ANINewsUP) January 21, 2020
गृहमंत्री ने विरोध प्रदर्शन करने वाले लोगों से सवाल किया कि विभाजन के समय हिंदू, सिख, बौद्ध, और जैन की संख्या बांग्लादेश में 30 प्रतिशत थी और पाकिस्तान में 23 प्रतिशत। लेकिन आज ये संख्या सिर्फ़ 7% और 3% बची है। ऐसा क्यों और कहाँ गए बाकी लोग।
At a public meeting in Lucknow, Uttar Pradesh. https://t.co/mJrK0rPV0r
— Amit Shah (@AmitShah) January 21, 2020
उन्होंने कहा, “मैं आज डंके की चोट पर कहने आया हूँ कि जिसको विरोध करना है करे, CAA वापस नहीं होने वाला है।” उन्होंने कहा, “मैं वोट बैंक के लोभी नेताओं को कहना चाहता हूँ, आप इनके कैंप में जाइए, कल तक जो सौ-सौ हेक्टेयर के मालिक थे, वे आज एक छोटी सी झोपड़ी में परिवार के साथ भीख माँगकर गुजारा कर रहे हैं।”
गृहमंत्री के अनुसार, पहले कॉन्ग्रेस के पाप के कारण धर्म के आधार पर भारत के 2 टुकड़े हुए। और फिर पाकिस्तान, अफ्गानिस्तान, बांग्लादेश में अल्पसंख्यक की संख्या कम होती रही। उनके मुताबिक इन देशों से गायब लोगों में कुछ को मार दिया गया। कुछ का जबरन धर्म परिवर्तन करवाया गया। जिसके बाद से शर्णार्थियों के आने का सिलसिला चल रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू के कथन को याद कराया और कहा कि केंद्रीय राहत कोष का उपयोग शरणार्थियों को राहत देने के लिए करना चाहिए था। इनको नागरिकता देने के लिए जो करना चाहिए वह करना चाहिए, लेकिन कॉन्ग्रेस ने कुछ नहीं किया। अमित शाह ने कहा कि वर्षों से प्रताड़ित लोगों को उनके जीवन का नया अध्याय शुरू करने का मौका दिया है।