लोकसभा चुनाव नज़दीक आते ही कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने अपनी प्रचार रणनीति बदल दी है। अब उन्होंने भाजपा पर झूठे आरोप लगाने के साथ ही लोकलुभावने वादे भी करते नज़र आ रहे हैं। न्यूनतम आय गारंटी योजना का वादा करने के बाद, आज कॉन्ग्रेस अध्यक्ष ने स्टार्टअप व्यवसायों के लिए कुछ वादे किए। उन्होंने स्टार्टअप के लिए चार अहम वादे किए। उन्होंने कहा कि किसी भी नए व्यवसाय के पहले 3 वर्षों के लिए किसी भी नियामक अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी। इसके अलावा एंजल टैक्स को खत्म कर दिया जाएगा। इसके साथ ही व्यापार द्वारा उत्पन्न की गई नई नौकरियों के आधार पर प्रोत्साहन और कर क्रेडिट दिया जाएगा और बैंक से आसानी से लोन भी मिलेगा।
कॉन्ग्रेस के समर्थक राहुल गाँधी की इस घोषणा को लेकर ऐसे खुश हो रहे हैं, जैसे उन्होंने कुछ ऐसा कर दिया, जो कि इससे पहले कभी देश में हुआ ही नहीं। इतना ही नहीं, कॉन्ग्रेस समर्थक राहुल गाँधी की इस घोषणा को क्रांतिकारी सोच के तौर पर भी देख रहे हैं। लेकिन हम आपको बता दें कि राहुल गाँधी जो अभी वादा कर रहे हैं, मोदी सरकार पहले ही ये सेवा प्रदान कर चुकी है।
Youngsters,
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) 28 March 2019
Want to start a new business? Want to create jobs for India?
Here’s our plan for you:
1. ZERO permissions for the first 3 years of any new business.
2. Goodbye Angel Tax
3. Solid incentives & tax credits based on how many jobs you create.
4. Easy Bank Credit
स्टार्टअप इंडिया प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई एक बड़ी पहल थी और राहुल गाँधी ने भी वादा किया है, वो सब पहले से ही इसके दायरे में आते हैं। स्टार्टअप इंडिया में पहले से ही एक व्यवसाय शुरू करने के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस का प्रावधान है। और इसमें वेब-आधारित पोर्टल और मोबाइल ऐप-आधारित इंटरफ़ेस के माध्यम से विभिन्न श्रम और पर्यावरण कानूनों के अनुपालन के लिए स्व-प्रमाणन की सुविधा उपलब्ध है।
स्टार्टअप इंडिया योजना के तहत, श्रम कानूनों के बारे में पहले तीन वर्षों में कोई निरीक्षण नहीं किया जाता है। नया व्यवसाय शुरू करने के लिए बस एक वेबसाइट पर पंजीकरण की आवश्यकता होती है। इसके लिए प्रपत्रों के पृष्ठों को भरने और सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाने की भी आवश्यकता नहीं होती है।
वैसे देखा जाए तो मोदी सरकार न केवल राहुल गाँधी द्वारा किए जा रहे वादों को पहले ही पूरा कर चुकी है, बल्कि स्टार्टअप इंडिया पहल के तहत और जनता को और भी कई लाभ दे रही है। स्टार्टअप व्यवसाय पूर्व अनुभव और न्यूनतम कारोबार की आवश्यकताओं के बिना सरकारी निविदाओं में भाग ले सकते हैं। स्टार्टअप्स को लंबे समय के लिए पूँजीगत लाभ कर से छूट दी जाती है, और ऐसे व्यवसायों के लिए पेटेंट फाइलिंग शुल्क में 80% की कमी का प्रावधान है। इसके साथ ही केवल 90 दिनों में उद्यम को बंद करने के प्रावधान के साथ व्यवसायों को बंद करना भी आसान है।