वरिष्ठ फ़िल्म अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने एक बार फिर से विवादित बयान दिया है। इससे पहले भी कई बार अपने विवादित बयानों से सुर्ख़ियों में रहे नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि ‘खुलेआम घृणा के माहौल’ से वह विक्षुब्ध हैं। बता दें कि हाल ही में कला और साहित्य से जुड़े 49 हस्तियों ने पीएम मोदी को पत्र लिख कर ‘मॉब लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं’ पर आपत्ति जताई थी। इसके बाद एक वकील ने उन सभी के ख़िलाफ़ देशद्रोह का मुक़दमा दायर किया गया था। मीडिया ने इसे मोदी सरकार की कार्रवाई बता कर दुष्प्रचारित किया था। हालाँकि, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने साफ़ कर दिया कि इसमें मोदी सरकार का कोई हाथ नहीं है।
इसके बाद 180 हस्तियों ने फिर से एक पत्र जारी करते हुए इस एफआईआर की भर्त्सना की। उन 180 लोगों में नसीरुद्दीन शाह का नाम भी शामिल है, जिन्होंने कहा कि वे 49 हस्तियों द्वारा पीएम को लिखे गए पत्र का पूर्ण रूप से समर्थन करते हैं। पत्र लिखने वालों की सूची में निर्देशक अनुराग कश्यप, कथित इतिहासकार रामचंद्र गुहा और अभिनेत्री अपर्णा सेन शामिल थीं। नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि उन्हें इन हस्तियों का समर्थन करने के लिए काफ़ी गालियाँ पड़ीं लेकिन इन सबका उन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान शाह से जब पूछा गया कि क्या उनकी विचारधारा और बयानों से फ़िल्म इंडस्ट्री में उनके कामकाज पर असर पड़ा है, तो उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री के साथ उनका सम्बन्ध कभी भी क़रीबी सम्बन्ध नहीं था क्योंकि उन्हें कभी ज्यादा फ़िल्में मिली ही नहीं। उन्होंने बताया कि उन्हें जो बात कहने की ज़रूरत होती है, वो वही बोलते हैं। उन्होंने कहा कि वो अपने सभी बयानों पर अभी भी क़ायम हैं। उन्हें अपनी राय जाहिर करने के लिए ख़ूब गालियाँ पड़ती हैं लेकिन उनका कोई असर नहीं होता।
“I faced a lot of abuse by people, who have nothing better to do, but it doesn’t affect me at all. What is disturbing is the open hate,” Naseeruddin Shah said.https://t.co/26u5hHxSJc
— India Today (@IndiaToday) October 12, 2019
नसीरूद्दीन शाह ने कहा कि वो समाज में ”खुलेआम हिंसा से बहुत व्यथित हैं। नसीरुद्दीन शाह ने जिस पत्र पर हस्ताक्षर किया है, उसमें पूछा गया है कि क्या मॉब लिन्चिग के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाना राष्ट्रद्रोह है? इस पत्र में कथित लिबरल हस्तियों ने आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अदालत का दुरूपयोग कर रहे हैं। नसीरुद्दीन शाह सहित 180 हस्तियों ने लिखा कि वे 49 लोगों द्वारा पीएम को लिखे पत्र के एक-एक शब्द का समर्थन करते हैं। साथ ही लोगों की आवाज़ दबाने का भी आरोप लगाया है।