आयकर विभाग ने NCP के शरद पवार को नोटिस भेजा है। यह नोटिस उन्हें पिछले 3 चुनावों के लिए दायर अपने चुनावी हलफनामों पर स्पष्टीकरण माँगने के लिए भेजा गया है। शरद पवार के अलावा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, बेटे आदित्य ठाकरे और शरद पवार की बेटी, सांसद सुप्रिया सुले को भी आयकर विभाग की तरफ से नोटिस भेजे गए हैं।
इस मुद्दे पर बोलते हुए एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा, “मुझे अपने चुनावी हलफनामे के बारे में आयकर विभाग से नोटिस मिला। चुनाव आयोग के निर्देश पर, आयकर ने 2009, 2014 और 2020 के लिए चुनावी हलफनामों पर एक नोटिस भेजा है। आईटी विभाग ने सुप्रिया सुले को अपने अंतिम 3 चुनाव हलफनामों का विवरण देने के लिए भी कहा है। ऐसा लगता है कि आयकर विभाग में कुछ लोगों से ज्यादा प्यार है।”
बता दें कि पिछले दिनों चुनाव आयोग ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) से उद्धव और आदित्य ठाकरे के साथ ही सुप्रिया सुले के खिलाफ प्राप्त उन शिकायतों की जाँच करने को कहा था, जिनमें उन पर लोकसभा / विधानसभा चुनावों के लिए अपने हलफनामे में गलत जानकारी साझा करने का आरोप लगा था। इसके एक दिन बाद पार्टी ने इसे ‘नियमित प्रक्रिया’ बताया था।
शिवसेना मंत्री अनिल परब ने कहा था, “आयकर प्राधिकरण के साथ एक हलफनामे में दी गई जानकारी को क्रॉस-चेक करना एक नियमित प्रक्रिया है। चुनाव आयोग और आयकर विभाग आम तौर पर जानकारी साझा करते हैं, इसलिए मुद्दे में कोई नई बात नहीं है।” उन्होंने ही उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे दोनों के चुनावी हलफनामे तैयार किए थे।
एनसीपी के प्रवक्ता नवाब मलिक भी इससे हैरान नहीं थे। इसे एक ‘नियमित प्रक्रिया’ के रूप में चित्रित करते हुए, उन्होंने कहा कि केंद्रीय एजेंसी के लिए एक उम्मीदवार के आयकर रिटर्न में हलफनामे में दर्ज जानकारी को सत्यापित करना सामान्य था। मलिक ने जोर देकर कहा, “यदि कोई विशिष्ट प्रश्न है, तो हम उसका उत्तर देंगे।”
गौरतलब है कि ठाकरे पिता-पुत्र द्वारा दायर हलफनामों में कुछ गंभीर विसंगतियाँ सामने आई थी। RTI कार्यकर्ता ने अपनी शिकायत में उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे के डेटा में विरोधाभास का हवाला दिया था। एक जो बड़ी विसंगति सामने आई थी, वह थी आदित्य के चुनावी हलफनामे में बैंक खाते का गायब होना, जिसका उल्लेख उद्धव के हलफनामे में किया गया था।
उद्धव के हलफनामे में पत्नी रश्मि ठाकरे और बेटे आदित्य ठाकरे का बैंक ऑफ महाराष्ट्र में ज्वाइंट अकाउंट की जानकारी दी गई थी। इसमें 9,52,568 लाख रुपए जमा होने की बात कही गई थी। हालाँकि, विधानसभा चुनाव के दौरान सौंपे गए आदित्य के शपथ पत्र में इस अकाउंट का उल्लेख नहीं था। कार्यकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि दोनों ठाकरे के पास HUF (Hindu Undivided Family) कैटेगरी के तहत शेयर रखने की तारीखें भी अलग-अलग थी।