Monday, November 18, 2024
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1 दिन में कोरोना वैक्सीन की 1 करोड़ डोज: WHO की चीफ साइंटिस्ट खुश लेकिन राहुल गाँधी ‘फूफाजी’ अब भी नाराज़

WHO की चीफ साइंटिस्ट डॉक्टर सौम्या स्वामीनाथन ने इसके लिए देश को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि आधी जनसंख्या के बराबर लोगों को वैक्सीन की कम से कम एक खुराक देने की उपलब्धि भारत ने हासिल की है।

सोशल मीडिया में लोगों का कहना है कि कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी कोरोना वैक्सीन को लेकर ‘नाराज़ फूफाजी’ की तरह व्यवहार कर रहे हैं। ऐसा इसीलिए, क्योंकि भारत भले ही रिकॉर्ड संख्या में लोगों को वैक्सीन की डोज लगा रहा हो, लेकिन राहुल गाँधी इन सबसे आँखें मूँद कर लगातार आलोचना करने में लगे हुए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के वैज्ञानिक भी भारत की तारीफ कर रहे, लेकिन राहुल गाँधी हैं कि मानते नहीं।

भारत ने शुक्रवार (27 अगस्त, 2021) को एक नया रिकॉर्ड बनाया, जब 1 करोड़ से भी अधिक लोगों को कोरोना वैक्सीन की डोज दी है। 10 दिनों पहले भी एक नया रिकॉर्ड बना था, जब 1 दिन में 88 लाख से भी ज़्यादा लोगों का टीकाकरण किया गया था। लेकिन, राहुल गाँधी तब भी सरकार की आलोचना ही कर रहे थे और अब भी वही कर रहे हैं। देश की आधी से भी अधिक जनसंख्या ने कम से कम वैक्सीन की एक खुराक ले ली है।

भारत ने अपने नागरिकों को शुक्रवार को रात 10 बजे तक 1 करोड़ वैक्सीन लगा दी, जो अब तक का सर्वाधिक है। WHO की चीफ साइंटिस्ट डॉक्टर सौम्या स्वामीनाथन ने इसके लिए देश को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि आधी जनसंख्या को वैक्सीन की कम से कम एक खुराक देने की उपलब्धि भारत ने हासिल की है। उन्होंने बताया कि अब तक वैक्सीन की 62 करोड़ रोज दिए जा चुके हैं। उन्होंने सार्वजनिक स्वास्थ्यकर्मियों से लेकर इस अभियान में शामिल लोगों को भी बधाई दी।

लेकिन, राहुल गाँधी इसके बावजूद पिछले कुछ दिनों से कोरोना वैक्सीन देने की प्रक्रिया की आलोचना में लगे हुए हैं। अप्रैल 2021 में उन्होंने वैक्सीन, मेडिकल सप्लाइज और ऑक्सीजन की कमी का दावा करते हुए पीएम मोदी पर व्यक्तिगत हमला किया था और कहा था कि उनकी छवि बनाई जा रह है, जबकि इन चीजों की कमी है। इसी तरह उन्होंने दावा कर डाला कि जुलाई आ गया है, लेकिन वैक्सीन नहीं आई।

जुलाई खत्म होने पर उन्होंने इसी ट्वीट के टेक्स्ट में फेरबदल करते हुए लिख दिया कि जुलाई चला गया है लेकिन वैक्सीन की कमी नहीं गई। कभी उन्होंने कोरोना वैक्सीन की कमी का दावा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘मन की बात’ को आड़े हाथों लिया, तो कभी मोदी सरकार की वैक्सीन नीति को ‘भारत माँ के सीने में खंजर घोंपने’ का काम बता दिया। कभी उन्होंने कोरोना से मौतें बढ़ने का दावा किया तो कभी इसी बहाने उलटे-सीधे ग्राफ शेयर किए।

कुल मिला कर देखा जाए तो राहुल गाँधी सिर्फ विरोध के लिए आलोचना कर रहे हैं और उन्होंने आँकड़े जाने बिना ही सारे ट्वीट्स किए हैं। अब जब एक दिन में 1 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगी है (जो दो न्यूजीलैंड या एक स्वीडन की जनसंख्या के बराबर है), वो चुप्पी साधे हुए हैं। कॉन्ग्रेस के लोग भी उनकी राह पर चलते हुए कम जनसंख्या वाले देशों से भारत की तुलना करते हैं और अपने ही देश को नीचा दिखाते हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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