‘राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA)’ अजित डोभाल ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस को याद किया है। अजित डोभाल ने शनिवार (17 जून, 2023) को ‘नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेमोरियल’ में भाषण देते हुए कहा कि अगर नेताजी बोस ज़िंदा होते तो भारत का बँटवारा नहीं होता। उन्होंने याद किया कि कैसे नेताजी बोस ने कई बार साहस दिखाया और उनके भीतर महात्मा गाँधी को भी चुनौती देने की क्षमता थी। महात्मा गाँधी तब अपने राजनीतिक जीवन के शीर्ष पर थे।
NSA अजित डोभाल ने याद किया कि कैसे इसके बाद नेताजी बोस को कॉन्ग्रेस छोड़नी पड़ी थी। उन्होंने कहा कि वो अच्छा या बुरा नहीं कह रहे हैं, लेकिन ये साफ़ है कि भारत या विश्व के इतिहास में ऐसे लोगों में बहुत कम समानताएँ हैं, जिनमें धारा के खिलाफ बहने का साहस था। डोभाल ने कहा कि ऐसा करना आसान नहीं था। हालाँकि, उन्होंने ये भी बताया कि उस दौरान सिर्फ एक जापान ही था जिसने नेताजी बोस का समर्थन किया, वो तब अकेले थे।
NSA अजित डोभाल ने कहा, “नेताजी ने कहा था कि मैं पूर्ण स्वतंत्रता से कम किसी चीज के लिए समझौता नहीं करूँगा। वह न केवल इस देश को राजनीतिक पराधीनता से मुक्त कराना चाहते हैं, बल्कि उन्होंने कहा था कि लोगों की राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक मानसिकता को बदलने की जरूरत है और उन्हें आकाश में स्वतंत्र पक्षियों की तरह महसूस करना चाहिए। नेताजी के दिमाग में ये विचार आया कि मैं अंग्रेजों से लड़ूँगा, मैं आजादी के लिए भीख नहीं माँगूँगा। ये मेरा अधिकार है और मैं इसे हासिल करके रहूँगा।”
"India would not have been partitioned if Subhas Bose was alive": NSA Doval
— ANI Digital (@ani_digital) June 17, 2023
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NSA अजित डोभाल ने स्पष्ट कहा कि अगर नेताजी सुभाष चंद्र बोस होते तो भारत का विभाजन नहीं होता। उन्होंने बताया कि मोहम्मद अली जिन्ना ने भी कहा था कि वो सिर्फ एक नेता को स्वीकार कर सकते हैं और वो हैं नेताजी सुभाष चंद्र बोस। डोभाल ने कहा कि उनके मन में अक्सर सवाल आता है कि प्रयास महत्वपूर्ण है या परिणाम। नेताजी के प्रयासों पर कोई संदेह नहीं कर सकता, महात्मा गाँधी भी उनके प्रशंसक थे। लेकिन, डोभाल ने कहा कि परिणाम पर आँकने से क्या बोस का प्रयास व्यर्थ गया?
उन्होंने ख़ुशी जताई कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेताजी सुभाष चंद्र बोस के योगदानों को फिर से जीवित करने का प्रयास कर रहे हैं। NSA ने कहा कि इतिहास बोस के प्रति निर्दयी रहा है।