पश्चिम बंगाल के भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने नागरिकता संशोधन क़ानून (CAA) का विरोध करने वाले बुद्धिजीवियों को ‘जीव, शैतान और चाटूकार’ करार दिया। दरअसल, उनका यह बयान पश्चिम बंगाल में CAA और NRC के विरोध में बुद्धिजीवियों के सड़कों पर उतरने के फ़ैसले के बाद आया है।
दिलीप घोष को उनके विरोधियों के खिलाफ कड़े रुख़ के लिए जाना जाता है। उन्होंने कहा,
“कोलकाता की सड़कों पर बुद्धिजीवियों नामक कुछ जीव बाहर आ गए हैं। ये चाटूकार बुद्धिजीवी, जो दूसरे की जेब पर निर्भर करते हैं और उनके पैसों का लाभ उठाते हैं, जब बांग्लादेश में उनके पूर्ववर्तियों को यातनाएँ दी गई थीं, तब वे कहाँ थे?”
ख़बर के अनुसार, कोलकाता की सड़कों पर रंगमंच की हस्तियों द्वारा निकाले गए एक विरोध मार्च का उल्लेख करते हुए घोष ने उन्हें, “हमारे भोजन पर रहने वाले और हमारा विरोध करने वाले शैतान” कहा।
इसके आगे उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन क़ानून का इसलिए विरोध कर रहे हैं क्योंकि उन्हें नहीं मालूम कि उनके माता-पिता कौन हैं। उन्होंने कहा, “यही कारण है कि वे कहते हैं कि वे अपने माता-पिता का जन्म प्रमाण पत्र नहीं दिखा सकते हैंं।” उन्होंने कहा कि तृणमूल कॉन्ग्रेस के शासनकाल के दौरान पश्चिम बंगाल “देशद्रोहियों के केंद्र” के रूप में उभर रहा है।
उनके बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, रंगमंच के दुलाल मुखर्जी ने इस बात पर हैरानी जताई कि बंगाल में एक बंगाली इस तरह से कैसे बात कर सकता है। उन्होंने कहा कि बंगाल ने हमेशा लड़ाई लड़ी और जीती है, और दिखाया है कि अपने अधिकार के लिए कैसे लड़ना पड़ता है।
ग़ौरतलब है कि शुक्रवार (17 जनवरी) को घोष ने CAA के बारे में जानकारी देते हुए कहा था कि आधार और पैन कार्ड नागरिकता के प्रमाण नहीं हैं। उन्होंने शरणार्थियों से आग्रह करते हुए कहा था कि वो CAA के प्रावधानों के तहत भारत की नागरिकता प्राप्त करें। CAA के समर्थन में आयोजित एक रैली को संबोधित करते हुए घोष ने कहा था कि लोग पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल कॉन्ग्रेस के अन्य नेताओं के जाल में न फँसे।
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