केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद ख़ान ने कथित इतिहासकार इरफ़ान हबीब पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि 88 वर्षीय इरफ़ान हबीब उनके क़रीब आना चाहते थे। बता दें कि इरफ़ान हबीब ने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद ख़ान के सम्बोधन में व्यवधान डाला और वहाँ मौजूद सुरक्षाकर्मियों के साथ धक्का-मुक्की की। इरफ़ान हबीब को असहिष्णु करार देते हुए आरिफ मोहम्मद ख़ान ने कहा कि वो उनके समीप आकर क्या करना चाह रहे थे, इसका उन्हें भान नहीं है। हालाँकि, उन्होंने कहा कि इरफ़ान हबीब शायद उनका कॉलर खींचना चाहते थे। राज्यपाल ख़ान ने बताया कि उनका कार्यक्रम 1 घंटे से ज़्यादा का नहीं हो सकता था लेकिन बाकी वक्ता डेढ़ घंटे तक बोलते रहे।
उन्होंने कहा कि वक्ताओं ने केंद्र सरकार के नागरिकता संशोधन क़ानून को लेकर भली-बुरी बातें कहीं और लगातार इसके विरोध में बोलते रहे। बकौल आरिफ मोहम्मद ख़ान, वो उन सभी बातों को चुपचाप सुनते रहे। वक्ताओं ने उस दौरान संविधान पर ख़तरे का भी आरोप लगाया। इरफ़ान हबीब ने राज्यपाल को बोलने से रोकने के लिए राज्यपाल के सुरक्षाकर्मी का बैज तक नोच लिया। इसके बाद उन्होंने वहाँ मौजूद अन्य सुरक्षाकर्मियों के साथ बदसलूकी की। कन्नूर यूनिवर्सिटी के वीसी ने बीच में खड़े होकर हबीब को रोका।
राज्यपाल आरिफ़ मोहम्मद ख़ान ने कहा कि इरफ़ान हबीब न तो उन्हें सुनना चाहते थे और न ही कार्यक्रम से बाहर जाना चाहते थे। उन्होंने कहा कि इन असहिष्णु लोगों का पहले से ही यही रवैया रहा है। इरफ़ान हबीब की हरकतों को देख कर नीचे बैठे लोगों ने हंगामा भी किया। इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए ‘आजतक’ को आरिफ मोहम्मद ख़ान ने बताया:
“राज्यपाल होने के नाते संविधान और कानून की रक्षा करना मेरा कर्तव्य है। अगर मैं संसद द्वारा पारित किसी क़ानून से सहमत नहीं हूँ, तो मुझको इस्तीफा देकर अपने घर चले जाना चाहिए। लेकिन, अगर संसद द्वारा पारित किसी क़ानून से मैं सहमत हूँ, तो मुझको उसका बचाव करना चाहिए। अगर किसी को ऐसा लगता है कि मेरी मौजूदगी में कोई संसद से पारित क़ानून पर हमला करेगा और मैं चुप होकर सुनता रहूँगा और जवाब नहीं दूँगा, तो यह ग़लत है। संवैधानिक पदों पर बैठे हर शख्स की यह जिम्मेदारी है कि वह संसद से पारित कानून की रक्षा करे।”
Hon’ble Governor said that he had responded to points raised by previous speakers,as a person duty bound to defend &protect the Constitution.But trying to disrupt speech from stage&audience due to intolerance towards different opinion is undemocratic #IndianHistoryCongress pic.twitter.com/UDCElnui7I
— Kerala Governor (@KeralaGovernor) December 28, 2019
राज्यपाल आरिफ मोहम्मद ने कहा कि अज्ञानी लोगों को इसकी जानकारी नहीं रहती है कि संसद से पारित होने के बाद कोई क़ानून किसी राजनीतिक दल का एजेंडा नहीं रहता, देश का क़ानून बन जाता है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सहमति-असहमति जायज है लेकिन जिन्हें न क़ानून का ज्ञान है और जिन्होंने न कभी संविधान पढ़ा है, उनकी अज्ञानता का कोई समाधान नहीं है।
मौलाना आज़ाद का जिक्र सुन बौखलाए इरफान हबीब, केरल के गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान पर चीख पड़े
अंग्रेजों की देन है अल्पसंख्यक-बहुसंख्यक: केरल के गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान
आरिफ मोहम्मद ने कहा- भारत में पैदा होना खुशनसीबी