आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और तेलगु देशम पार्टी (टीडीपी) के अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है। पहले तो मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने उनके आलीशान बंगले को तोड़ने का आदेश दिया और अब उनके परिवार की सुरक्षा कम करने का फैसला लिया है। जगन मोहन रेड्डी ने शुक्रवार (जून 28, 2019) को नायडू की सुरक्षा में कटौती की है।
Jagan govt reduces security cover to Chandrababu Naidu, gives only two constables each in two shifts https://t.co/6BDqScn4mJ
— Hindustan Times (@htTweets) June 29, 2019
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राज्य सरकार ने नायडू की सुरक्षा में तैनात मौजूदा दो मुख्य सुरक्षा अधिकारियों को हटा दिया है और साथ ही दो सशस्त्र रिजर्व निरीक्षकों के नेतृत्व में 15 सदस्यीय विशेष पुलिस दल को भी हटा दिया गया है। खबर के मुताबिक, नायडू को अब 4 कांस्टेबलों द्वारा सुरक्षा प्रदान की जाएगी। हर शिफ्ट में 2 कांस्टेबल होंगे। हालाँकि, नायडू को अक्टूबर 2003 में तिरुमाला की तलहटी अलीपुरी में माओवादी हमले के बाद केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) कमांडो समेत जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा जारी रहेगी।
इसके साथ ही राज्य सरकार द्वारा अमरावती में नायडू के आवास और चित्तूर जिले में उनके मूल स्थान नरवरिपल्ले में सुरक्षा वापस ले ली गई है। उनके परिवार के सदस्यों के लिए सुरक्षा भी हाल ही में वापस ले लिया गया था और उनके बेटे नारा लोकेश को सुरक्षा के लिए सिर्फ दो कांस्टेबल दिए गए हैं। राज्य के गृह मंत्री मेकाथोती सुचरिता ने इस बारे में बात करते हुए कहा कि इस तरह के फैसले में सरकार की कोई भूमिका नहीं है। नायडू की सुरक्षा कम करने का निर्णय राज्य पुलिस विभाग की सुरक्षा समीक्षा समिति द्वारा लिया गया है।
टीडीपी के एक नेता ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है कि राज्य सरकार ने नायडू की सुरक्षा में कमी की है। उन्होंने कहा कि जब वो 2004 और 2014 के बीच विपक्ष की भूमिका में थे, तब भी तत्कालीन कॉन्ग्रेस सरकार ने उन्हें एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, एक पुलिस उपाधीक्षक और तीन आरक्षी निरीक्षकों के साथ सुरक्षा प्रदान की थी।
तेलुगु देशम पार्टी के पोलित ब्यूरो के सदस्य यनामला रामकृष्णुडु ने आरोप लगाया कि नायडू की सुरक्षा में कटौती करना स्पष्ट रुप से जगन की प्रतिशोध वाली राजनीति को दर्शाता है। रामकृष्णुडु ने कहा कि उनके पास बीज की कमी और सूखे की स्थिति की समीक्षा करने का कोई समय नहीं है। वो लोगों की समस्याओं पर फोकस करने की बजाए नायडू को अपमानित करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।