नवगठित केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर समेत पूर्वोत्तर के चार राज्यों असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और नगालैंड के लिए केंद्र सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में परिसीमन आयोग का गठन कर दिया।
Ministry of Law and Justice: Central Government has constituted the Delimitation Commission for the purpose of delimitation of Assembly and Parliamentary constituencies in the Union territory of Jammu and Kashmir and the states of Assam, Arunachal Pradesh, Manipur and Nagaland. pic.twitter.com/q8nS6hlDKP
— ANI (@ANI) March 6, 2020
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस संदर्भ में केंद्रीय विधि मंत्रालय ने शुक्रवार को अधिसूचना जारी की। यह परिसीमन आयोग केंद्र शासित क्षेत्र जम्मू-कश्मीर के साथ साथ पूर्वोत्तर के राज्यों असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर तथा नगालैंड के लिए भी लोकसभा और विधानसभा क्षेत्रों का नए सिरे से परिसीमन करेगा। इस अधिसूचना में कहा गया है कि चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा और जम्मू-कश्मीर तथा अन्य चार राज्यों के चुनाव आयुक्त इसके सदस्य होंगे। आयोग को एक साल में अपनी रिपोर्ट देनी होगी।
जम्मू-कश्मीर राज्य के पुनर्गठन के बाद अब इस केंद्र शासित प्रदेश में सात विधानसभा सीटें बढ़नी हैं। जहाँ पहले जम्मू कश्मीर राज्य में विधानसभा के सदस्यों की संख्या 107 थी, वो अब बढ़कर 114 हो गई है। इनमें से 24 सीटें पाक अधिकृत कश्मीर के लिए आरक्षित की गई हैं। परिसीमन एक देश या एक प्रांत की सीमाओं या संसदीय क्षेत्रों का नए सिरे गठन होता है। यहाँ स्पष्ट कर दें कि यह परिसीमन 2011 की जनसंख्या के आधार पर ही होगा।
केंद्र द्वारा जारी इस अधिसूचना में कहा गया है कि परिसीमन अधिनियम, 2002 की धारा-3 के तहत निहित शक्तियों से ही केंद्र सरकार ने परिसीमन आयोग का गठन किया है। केंद्र सरकार का लक्ष्य नवगठित केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के अलावा असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और नगालैंड राज्यों में संसदीय क्षेत्रों और विधानसभा क्षेत्रों का परिसीमन करना है। आयोग जम्मू-कश्मीर के संसदीय और विधानसभा क्षेत्रों का पुनर्गठन और चार पूर्वोत्तर राज्यों की सीमाओं का भी पुनर्गठन करेगा।
पिछली 28 फरवरी को सुरक्षा वजहों के चलते केंद्र सरकार ने असम, नगालैंड, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश के परिसीमन की अधिसूचना को रद्द कर दिया था। इसलिए अब इन चार राज्यों में भी यह कवायद जम्मू-कश्मीर के परिसीमन के साथ शुरू होगी।