भाजपा नेत्री जय प्रदा ने निर्वाचन आयोग से रामपुर के लोकसभा सांसद आजम खान का लोकसभा निर्वाचन रद्द करने की माँग की है। उनका तर्क है कि आजम खान ने लोकसभा सांसद होते हुए भी ‘लाभ के पद’ जौहर विश्वविद्यालय के वाईस चांसलर के तौर पर इस्तीफा नहीं दिया है। इसलिए वह लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य हैं और उन्हें लोकसभा से निलंबित किया जाना चाहिए। उन्होंने सपा नेत्री जया बच्चन के ऐसे ही लाभ के पद विवाद के चलते राज्यसभा से इस्तीफा देने का उदाहरण दिया।
BJP leader Jaya Prada: I have written to the Election Commission that after being elected a member of Parliament from Rampur, Md Azam Khan cannot hold an ‘office of profit’ (He is Chancellor of Mohammad Ali Jauhar University). It is illegal. He should be suspended as MP. pic.twitter.com/jAk9XhzB74
— ANI UP (@ANINewsUP) June 7, 2019
जया प्रदा का रामपुर वालों को वचन, अब होगा न्याय
जया प्रदा ने ANI से बात करते हुए कहा कि सांसद या विधायक होते हुए भी लाभ के पद पर काबिज रहना गलत है, और वह निर्वाचन आयोग से अपील करती हैं कि आजम खान को माफ़ न किया जाए। उन्होंने साथ में यह भी जोड़ा कि रामपुर के लोगों से उन्होंने वादा किया है कि (इस मामले में) न्याय होगा। उन्होंने कहा कि अगर निर्वाचन आयोग ने उनकी बात अनसुनी कर दी तो वे हाई कोर्ट जाएँगी।
जया बच्चन, सोनिया गाँधी गँवा चुकी हैं सांसदी
अगर इस मामले में आजम खान की सांसदी जाती है तो वे ऐसे पहले सांसद नहीं होंगे। उनसे पहले सपा नेत्री और बॉलीवुड अभिनेत्री जया बच्चन और कॉन्ग्रेस की पूर्व अध्यक्षा सोनिया गाँधी भी इस विवाद में क्रमशः राज्यसभा और लोकसभा सीटें गँवा चुकी हैं। जया बच्चन को उत्तर प्रदेश फिल्म विकास निगम की अध्यक्षा होने के चलते राज्यसभा और सोनिया गाँधी को राष्ट्रीय सलाहकार समूह के नेतृत्व के कारण लोकसभा छोड़नी पड़ी थी। हालाँकि सोनिया गाँधी ने अपना इस्तीफा अपने मामले में निर्णय आने से पहले ही दे दिया था, और दोबारा उसी लोकसभा क्षेत्र रायबरेली में उतर कर विजयी हुईं थीं, जबकि जया बच्चन ने निर्वाचन आयोग की अनुशंसा पर तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. कलाम द्वारा राज्यसभा से बर्खास्त किए जाने को सुप्रीम कोर्ट तक चुनौती दी थी, लेकिन फैसला नहीं बदला।