मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम के विधानसभा चुनावों के अंतिम परिणामों की घोषणा हो चुकी है। मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी ने पूर्ण बहुमत से जीत दर्ज की है जबकि तेलंगाना कॉन्ग्रेस के हिस्से में आया है। मिजोरम में नई पार्टी ZPM सत्ता में आई। जिन प्रदेशों में बीजेपी ने जीत दर्ज की है वहाँ सीधा मुकाबला कॉन्ग्रेस से ही रहा। इन राज्यों में आम आदमी पार्टी (AAP), जनता दल यूनाइटेड (JDU) और समाजवादी पार्टी (SP) ने भी अपने प्रत्याशी खड़े किए थे।
हालाँकि, इन सभी पार्टियों के प्रत्याशियों को जीत तो दूर, अपनी जमानतें बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ा। कइयों को तो NOTA (नोटा) से भी कम वोट प्राप्त हुए हैं।
मध्य प्रदेश में I.N.D.I. गठबंधन का मुकाबला NOTA से
मध्य प्रदेश चुनाव में JDU ने कुल 10 प्रत्याशी उतारे थे। इसमें से 1 ने बाद में सरेंडर कर दिया था जिसके चलते पार्टी के 9 प्रत्याशी चुनाव लड़े। इन सभी की जमानत जब्त हो गईं। 4 जगहों पर तो JDU प्रत्याशियों को 200 से भी कम वोट मिले। थांदला से तोल सिंह भूरिया अधिकतम 3103 वोट हासिल कर पाए। JDU को मिला कुल वोट प्रतिशत महज 0.02 रहा। साल 2003 से मध्य प्रदेश में चुनाव लड़ रही JDU से अभी तक महज 1 बार अपने प्रत्याशी सरोज बच्चन चुनाव जीत कर विधायक बन पाए हैं।
I.N.D.I. गठबंधन के दूसरे घटक दल समाजवादी पार्टी के मध्य प्रदेश में कुल 69 सीटों पर उम्मीदवार चुनाव लड़े थे। इनमें से एक भी प्रत्याशी जीत के आसपास भी नहीं दिखा। सपा को मिला कुल वोट प्रतिशत महज 0.46 रहा। 43 सीटों पर सपा कैंडिडेट्स को 1 हजार से भी कम वोट मिले। अखिलेश यादव की ताबड़तोड़ रैलियों के बावजूद कहीं किसी एक सीट पर भी समाजवादी पार्टी का उम्मीदवार दूसरे नंबर पर नहीं रहा। हारे प्रत्याशियों में बुधनी सीट से ‘मिर्ची बाबा’ के नाम से प्रसिद्ध चर्चित स्वामी वैराग्यनंद भी शामिल हैं।
मध्य प्रदेश में आम आदमी पार्टी (AAP) की हालत भी कमोबेश JDU और सपा जैसी रही। अरविंद केजरीवाल ने मध्य प्रदेश में कुल 70 उम्मीदवार उतारे थे। इनमें से अंतिम रिजल्ट और रुझान मिला कर एक भी जीत के आसपास नहीं दिखा। सभी 70 प्रत्याशियों की जमानतें जब्त हो गईं। आप पार्टी का मध्य प्रदेश में कुल वोट प्रतिशत 0.42 रहा। हारे प्रत्याशियों में दमोह सीट से टीवी अभिनेत्री चाहत पांडेय और सिंगरौली की मेयर रानी अग्रवाल शामिल हैं।