Sunday, December 22, 2024
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घर की बजी घंटी, दरवाजा खुलते ही अस्सलाम वालेकुम के साथ घुस गई टोपी-बुर्के वाली पलटन, कोने-कोने में जमा लिया कब्जा: झारखंड चुनावों का ये Video देखा क्या

बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में घुसपैठ रोकने और एसटी वर्ग की जिन जमीनों पर कब्जा किया गया है, उनको वापस दिलाने के लिए कानून बनाने का वादा किया है।

झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुस्लिमों का घुसपैठ एक बड़ा मुद्दा है। जनजातीय समान की रोटी, बेटी और माटी को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने प्रमुखता से उठाया है। बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में घुसपैठ रोकने और एसटी वर्ग की जिन जमीनों पर कब्जा किया गया है, उनको वापस दिलाने के लिए कानून बनाने का वादा किया है।

इसी कड़ी में झारखंड बीजेपी ने शनिवार (16 नवंबर 2024) को अपने एक्स हैंडल पर एक वीडियो पोस्ट किया है। बीजेपी ने लिखा है, “ध्यान से देखिए कि एक गलत वोट कितनी बड़ी गलती बन सकता है। इसलिए 2019 वाली गलती इस बार ना करें। सही चुनें, भाजपा चुनें।”

इस वीडियो में आप देख सकते हैं, एक घर के बाहर जेएमएम का झंडा लगा है। घर के अंदर परिवार के लोग खुश दिख रहे हैं। बुजुर्ग संगीत सुन रहे हैं। पिता-पुत्र नाश्ते की टेबल पर बैठे हैं। अचानक उनके घर की घंटी बजती है। दरवाजा खोलते ही सामने टोपी-बुर्के वालों की भीड़ दिखती है। वो झटके से ‘अस्सलाम वालेकुम’ कहते हुए घर में प्रवेश कर जाते हैं। परिवार के लोगों को कुछ समझ में आता, इससे पहले वो घर के कोने-कोने में कब्जा कर लेते हैं। कोई सोफे पर कूद रहा है। कोई उसी घर में रुई धुन रहा है।

ये हालात देखकर घर का मालिक सवाल करता है, “अरे ये हमारा घर बर्बाद कर रहे हैं” तब वो व्यक्ति बोलता है, “आपने जिस सरकार को जिताया है, वही इन्हें लेकर आई है।” इसके बाद घर का मालिक है, “तो?” जवाब में घुसपैठियों को लाने वाला व्यक्ति बोलता है, “तो हमारी बस्तियाँ क्यों बर्बाद हो, आपक भी तो घर बर्बाद होना चाहिए न”

झारखंड बीजेपी ने रविवार (17 नवंबर 2024) को एक अन्य वीडियो पोस्ट किया और कैप्शन में लिखा, “हेमंत सोरेन के इलाके में जनता ने बताया कि बांग्लादेशी घुसपैठियों ने हमारी जमीन पर कब्जा कर लिया है। हमारी बहू-बेटियों को गलत नजर से देखते हैं। इसलिए घुसपैठियों को भगाने के लिए सभी लोग भाजपा को जिताना चाहते हैं।”

इस वीडियो में एक बुजुर्ग बोलते दिख रहे हैं, “यहाँ से जीत जाएगा बीजेपी, कारण.. यहाँ मुसलमानों का दबदबा बढ़ रहा है। बाहरी मुसलमान आया है यहाँ, रोहिंग्या से, बांग्लादेश से। चलिए मैं दिखाता हूँ, 500 से ज्यादा घर हो गए हैं।” वो आगे बोलते हैं, “इन्हें मोदी हटाएगा।” वो खुलेआम बोलते हैं कि टोटल आदमी बीजेपी को पसंद कर रहा है। वो कहते हैं, “मुसलमानों को चाहिए आदिवासी। वो खुद ही आदिवासी में घुसा है। आदिवासी मुसलमानों को नहीं चाहता है। ये लुटेरा है। आदिवासी बहू-बेटियों पर मुसलमानों की गंदी नजर रही है। उनकी बेईज्जती करना, छीनना, झगड़ा करना, यही तो काम है उनका।”

बीजेपी ने 19 सितंबर 2024 को एक वीडियो पोस्ट किया था। जिसमें एक बुजुर्ग हेमंत सोरेन की सरकार के प्रति अपनी निराशा जता रहे हैं। वो बदलाव की बात करते हैं।

बता दें कि BJP द्वारा गठित एक समिति की रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड में मुस्लिम बहुल बूथों की संख्या में 100 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। यह रिपोर्ट बताती है कि राज्य की 10 विधानसभा क्षेत्रों में मुस्लिम बहुल बूथों की संख्या में जबरदस्त इजाफा हुआ है। 

भाजपा ने 2019 लोकसभा चुनाव की मतदाता सूची और 2024 की मतदाता सूची का अध्ययन किया है। भाजपा ने पाया है कि झारखंड की 10 विधानसभा सीटों के कुछ बूथ पर (विशेष कर मुस्लिम आबादी वाले बूथ) पर वोटरों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि पाँच वर्षों में हुई है।

रिपोर्ट में सामने आया है कि मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में वोटरों की संख्या में यह अप्रत्याशित बढ़त 20% से 123% तक की है। यह बढ़त इन 10 विधानसभा के कुल 1467 बूथ पर हुई है। भाजपा ने कहा है कि सामान्यतः पाँच वर्षों में 15% से 17% की वृद्धि होती है, इसीलिए यह वृद्धि असामान्य है। भाजपा ने यह भी बताया है कि हिन्दू आबादी वाले बूथ पर वोटरों की संख्या में बढ़त मात्र 8% से 10% हुई है। भाजपा ने यह भी बताया है कि कई बूथ पर हिन्दू मतदाता घट भी गए हैं।

आँकड़ों में बताया गया है कि 1951 में संताल परगना में 41% आदिवासी आबादी थी जो कि 2011 में 28% ही बची है। इस बीच मुस्लिमों की आबादी 9.4% से 22% पहुँच चुकी है।

बीजेपी का घुसपैठियों का मुद्दा केवल चुनावी मंच तक सीमित नहीं है। यह पार्टी की व्यापक रणनीति का हिस्सा है, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा, सांस्कृतिक पहचान और विकास जैसे पहलुओं को जनता के समक्ष प्रमुखता से रखा जा रहा है। पार्टी की इस रणनीति का उद्देश्य मतदाताओं के बीच मजबूत और निर्णायक नेतृत्व की छवि बनाना है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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