Monday, November 18, 2024
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झारखंड तक पहुँची एमपी, राजस्थान की आग: कॉन्ग्रेस के 9 MLA नाराज, सोरेन सरकार की बढ़ सकती हैं मुश्किलें

नाराज विधायकों की यह भी माँग है कि राज्य में एक मंत्री पद खाली पड़ा हुआ, उसे जल्द से जल्द भरा जाए और वरिष्ठ विधायकों में से एक को मंत्री बनाया जाए। उनका कहना कि सरकार को चलाने में सबका सहयोग लिया जाना चाहिए। लेकिन सहयोगी पार्टी होने के बाद भी उन्हें तवज्जो नहीं मिल रही।

राजस्थान और मध्य प्रदेश के बाद अब झारखंड में कॉन्ग्रेस विधायक उपेक्षा से नाराज बताए जा रहे हैं। यहॉं हेमंत सोरेन के नेतृत्व में झामुमो-कॉन्ग्रेस गठबंधन की सरकार चल रही है। नाराज कॉन्ग्रेस विधायक अपनी शिकायत लेकर दिल्ली पहुॅंचे हैं।

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार इन विधायकों के नाम इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और उमाशंकर अकेला है। इनके साथ राज्यसभा सदस्य धीरज प्रसाद साहू भी आए। सबने यहाँ सोनिया गाँधी के सलाहकार अहमद पटेल और गुलाब नबी आजाद से मुलाकात की। फिर झारखंड दोबारा लौट गए।

दिल्ली आए विधायकों ने सार्वजनिक तौर पर कुछ नहीं कहा है। लेकिन मीडिया में बताया जा रहा है कि उन्होंने कॉन्ग्रेस हाइकमान से यह गुहार लगाई है कि सोरेन सरकार में उनकी बिलकुल नहीं सुनी जाती। वहाँ कॉन्ग्रेस विधायकों के साथ सोरेन सरकार का रवैया भी ठीक नहीं है। इन्हीं हालातों के मद्देनजर सूचना है कि करीब 9 विधायक ऐसे हैं जो हेमंत सोरेन सरकार से नाराज हैं और आने वाले समय में मौजूदा सरकार की परेशानी बढ़ा सकते हैं।

दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार नई दिल्ली आकर कॉन्ग्रेस विधायकों ने हाइकमान को आगाह किया कि अगर इस मामले में कुछ एक्शन नहीं लिया जाता तो झारखंड में भी सरकारें अस्थिर हो सकती है। दिल्ली में वरिष्ठ कॉन्ग्रेस नेताओं की ओर से उन्हें शांत रहने की नसीहत दी गई।

विधायकों की यह भी माँग है कि राज्य में एक मंत्री पद खाली पड़ा हुआ, उसे जल्द से जल्द भरा जाए और वरिष्ठ विधायकों में से एक को मंत्री बनाया जाए। उनका कहना कि सरकार को चलाने में सबका सहयोग लिया जाना चाहिए। लेकिन सहयोगी पार्टी होने के बाद भी उन्हें तवज्जो नहीं मिल रही।

उल्लेखनीय है कि हाल ही में कॉन्ग्रेस के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने भाजपा पर आरोप लगाया था कि वह सरकार गिराने के लिए पार्टी के विधायकों को प्रलोभन दे रही है। बताया जाता है कि पार्टी के भीतर उनको लेकर भी नाराजगी है। वे प्रदेश अध्यक्ष होने के साथ राज्य सरकार में वित्त मंत्री भी हैं। पार्टी नेता उन्हें एक पद से मुक्त करने की माँग लंबे समय से कर रहे हैं।

गौरतलब है कि इससे पहले मध्य प्रदेश में उपेक्षा से नाराज कॉन्ग्रेस विधायकों ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ पार्टी छोड़ दी थी। इसकी वजह से कॉन्ग्रेस की कमलनाथ सरकार गिर गई। अब राजस्थान में उठापठक चल रहा है। वहां सचिन पायलट के समर्थक विधायक अपनी अनदेखी से नाराज हैं। पायलट को उप मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाकर कॉन्ग्रेस ने इन विधाकयों पर दबाव डालने की कोशिश की थी। लेकिन अब तक बगावत खत्म करने में उसे सफलता नहीं मिली है और गहलोत सरकार पर गिरने का खतरा मॅंडरा रहा है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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