खनन मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने शुक्रवार (8 अप्रैल 2022) को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को नोटिस जारी कर खनन का पट्टा लेने के मामले में विस्तृत एवं बिंदुवार जानकारी देने का निर्देश दिया है। वहीं, आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में सीबीआई कोर्ट द्वारा सजा सुनाने के बाद कॉन्ग्रेस विधायक बंधु तिर्की की विधानसभा की सदस्यता खत्म कर दी गई है।
दरअसल, शिवशंकर शर्मा नाम के एक व्यक्ति ने खनन पट्टा अपने नाम करने को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। उस याचिका पर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने सुनवाई की। अदालत ने कहा कि संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को अपनी शक्तियों का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए।
कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नाम पर पत्थर खदान का पट्टा आवंटित होने का मामला सामने आया था। इसके बाद सोरेन के खिलाफ 11 फरवरी को हाईकोर्ट में शिव शंकर शर्मा की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने जनहित याचिका (PIL) दायर की थी।
याचिका में कहा गया है कि सोरेन राज्य के मुख्यमंत्री और वन एवं पर्यावरण विभाग के विभागीय मंत्री हैं। ऐसे में उन्होंने खुद ही पर्यावरण क्लीयरेंस के आवेदन दिया और क्लीयरेंस लेकर खुद ही खनन पट्टा हासिल कर लिया। ऐसा करना पद का दुरुपयोग और जनप्रतिनिधि कानून का उल्लंघन है।
याचिकाकर्ता ने मामले की सीबीआई जाँच कराने और हेमंत सोरेन की सदस्यता रद्द करने की माँग की है। याचिका में कहा गया है कि इस मामलों को ध्यान में रखकर अदालत राज्यपाल को निर्देश दे कि वह मख्यमंत्री सोरेन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की अनुमति दें।
क्या है मामला
मुख्यमंत्री सोरेन पर आरोप है कि उन्होंने पद का दुरुपयोग करते हुए अपने नाम पर पत्थर खदान का पट्टा लिया। यह खदान राँची जिले के अनगड़ा मौजा, थाना नं-26, खाता नं- 187, प्लॉट नं- 482 में स्थित है। भाजपा ने आरोप लगाया था कि इस पट्टे की स्वीकृति के लिए सोरेन 2008 से ही प्रयास कर रहे थे।
मुख्यमंत्री बनने के बाद पत्रांक संख्या 615/M, दिनांक 16-06-2021 के जरिए पट्टा की स्वीकृति का आशय का पत्र (LOI) विभाग द्वारा जारी कर दिया है। यह विभाग मुख्यमंत्री के पास ही है। स्टेट लेबल इंवायरमेंट इंपेक्ट असेसमेंट अथॉरिटी (SEIAA) ने 14-18 सितम्बर 2021 को अपनी 90वीं बैठक में पर्यावरण स्वीकृति की अनुशंसा भी कर दी।
कॉन्ग्रेस विधायक तिर्की की गई विधायकी
आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में दोषी पाए कॉन्ग्रेस विधायक बंधु तिर्की की विधानसभा की सदस्यता खत्म कर दी गई है। इस संबंध में 28 मार्च 2022 के प्रभाव से बंधु तिर्की की विधानसभा सदस्यता समाप्त कर दी गई है। इस मामले में CBI कोर्ट ने तिर्की को 3 साल की सजा सुनाने के साथ 3 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था।
झारखंड विधानसभा के प्रभारी सचिव सैयद जावेद हैदर की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया कि CBI की स्पेशल कोर्ट ने बंधु तिर्की को दोषी करार दिया है। इसलिए जन प्रतिनिधित्व नियम 1951 की धारा-8 तथा संविधान के अनुच्छेद 191 (1)(e) के तहत 28 मार्च 2022 से झारखंड विधानसभा की सदस्यता खत्म की जाती है।
बंधु तिर्की मांडर विधानसभा सीट से झारखंड विकास मोर्चा (JVM) की टिकट पर चुनाव जीते थे, लेकिन बाद में कॉन्ग्रेस में शामिल हो गए। तिर्की पर आय से 7.20 लाख रुपए अधिक की संपत्ति अर्जित करने का आरोप था।