2019 के चुनावी हलफनामे के हिसाब से झारखंड के सबसे गरीब विधायक अब 5 साल के भीतर 3 गाड़ियों, एक आलीशान घर और लाखों के बैंक बैलेंस के मालिक हो गए हैं। उनकी सम्पत्ति में यह इजाफा 100 गुने से भी अधिक है। यही नहीं उनकी उम्र भी इन 5 सालों में उनकी सम्पत्ति की तरह उम्र भी दोगुनी स्पीड से बढ़ी है।
जिन विधायक की सम्पत्ति और उम्र में इस असामान्य इजाफे के आरोप लगे हैं, उनका नाम मंगल कालिंदी है। कालिंदी 2019 से झारखंड की जुगसलाई सीट से झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के विधायक हैं। इसी सीट से वह 2024 में दोबारा चुनावी रण में उतरे हैं।
मंगल कालिंदी ने हाल ही में चुनाव के लिए पर्चा भी भरा है। इस हलफनामे में उन्होंने बताया है कि उनके पास ₹73 लाख का एक घर है। ₹10 लाख की एक स्कॉर्पियो गाड़ी है। एक ₹3 लाख की बोलेरो गाड़ी है। साथ ही में एक पुरानी ग्लैमर बाइक भी है, इसकी कीमत ₹10,000 है।
कालिंदी ने इसके अलावा खुद के पास ₹20 लाख एक खाते में, ₹3 लाख दूसरे खाते में और ₹12 हजार तीसरे खाते में होने की बात सार्वजनिक की है। उन्होंने 5 ग्राम सोना और साथ ही में ₹50,000 नकद होने की बात भी कही है। उन्होंने यह भी बताया है कि घर के लिए उन्होंने लोन लिया है।
अब इस आर्थिक ब्यौरे से कहीं कुछ असामान्य नहीं दिखता है। लगता है किसी भी सामान्य मध्यम वर्गीय व्यक्ति के पास इतनी सम्पत्ति तो हो ही सकती है। लेकिन चौंकने वाली बात यह है कि इसमें से लगभग 98% सम्पत्ति मंगल कालिंदी ने पिछले 5 साल के भीतर बनाई है।
दरअसल, मंगल कालिंदी को 2023 में चुनावों पर काम करने वाली एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने 2023 ने झारखंड का सबसे गरीब विधायक घोषित किया था। वह झारखंड के सबसे गरीब विधायक होने के साथ ही देश के पाँचवे सबसे गरीब विधायक थे।
ADR ने यह रिपोर्ट 2019 झारखंड विधानसभा चुनाव में दाखिल किए गए कालिंदी के हलफनामे के आधार पर तैयार की थी। इस हलफनामे में कालिंदी ने बताया था कि उनके पास ले देकर ₹30,000 की सम्पत्ति है। इन आँकड़ों के हिसाब से वह गरीबी रेखा से नीचे (BPL) वाली रेखा में आते हैं।
2019 से 2024 के बीच कालिंदी झारखंड के सबसे गरीब विधायक का तमगा छोड़ने में कामयाब रहे और आलीशान घर-तीन गाड़ियाँ, बैंक बैलेंस और यहाँ तक कि सोना भी खरीद लिया। सम्पत्ति में एकाएक वृद्धि का स्रोत क्या है, इसकी अभी जानकारी सामने नहीं आई है।
मंगल कालिंदी की सम्पत्ति में बढ़ोतरी को लेकर तो चर्चे हैं ही, उनकी उम्र पर प्रश्न उठना चालू हो गए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मंगल कालिंदी ने 2019 में अपनी उम्र 42 वर्ष बताई थी। 2024 में यह उम्र 47 वर्ष होनी चाहिए थी। लेकिन 2024 के हलफनामे में उन्होंने अपनी उम्र 51 वर्ष बताई है।
2019 और 2024 में दिए गए हलफनामों में उम्र का अंतर क्यों है, इसका कारण सामने नहीं आया है। इसको लेकर एक भाजपा कार्यकर्ता ने चुनाव आयोग के पास शिकायत भी की है। भाजपा कार्यकर्ता ने आरोप जड़ा है कि कालिंदी ने कागजों में जालसाजी की है।