जम्मू-कश्मीर के हरि निवास गेस्ट हाउस में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती झगड़ पड़े। हालात इतने बिगड़ गए कि उमर को दूसरी जगह शिफ्ट करना पड़ा। दरअसल, दोनों एक-दूसरे पर राज्य में भारतीय जनता पार्टी को लाने का आरोप लगा रहे थे। बता दें कि, अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निष्प्रभावी किए जाने के बाद से दोनों हरि निवास गेस्ट हाउस में हिरासत में रखे गए थे।
खबर के मुताबिक, महबूबा के साथ विवाद के दौरान उमर उन पर चिल्ला पड़े। उन्होंने महबूबा के पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद पर भाजपा के साथ 2015 में गठबंधन करने का आरोप मढ़ा। जिसके बाद दोनों ही नेताओं के बीच जमकर कहा-सुनी हुई। महबूबा ने भी उमर को याद दिलाया कि किस तरह से उनके पिता फारूक अब्दुल्ला ने अटल बिहारी वाजपेयी के ज़माने में भाजपा का साथ दिया था।
एक अधिकारी के हवाले से रिपोर्ट में बताया गया है कि महबूबा ने उमर पर चिल्लाते हुए कहा कि वो तो वाजपेयी सरकार में विदेश मामलों में जूनियर मिनिस्टर थे। यही नहीं, उन्होंने उमर के दादा शेख अब्दुल्ला को 1947 में जम्मू-कश्मीर का भारत में विलय करने का आरोप लगाया। एक अधिकारी ने बताया कि जब दोनों ही नेताओं के बीच विवाद काफी बढ़ गया तो दोनों को अलग-अलग शिफ्ट करने का फैसला लिया गया। उमर अब्दुल्ला को महादेव पहाड़ी के पास चेश्माशाही में वन विभाग के भवन में रखा गया है तो महबूबा हरि निवास में ही रखी गईं हैं।
एक अधिकारी का कहना है कि दोनों नेताओं को जेल के नियमों और उनके ओहदों के हिसाब से खाना दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि महबूबा ने ब्राउन बेड खाने की इच्छा जाहिर की थी, लेकिन उन्हें वह दी नहीं जा सकी क्योंकि जेल के मेन्यू में हिरासत में लिए गए वीवीआईपी लोगों के लिए ऐसा कुछ नहीं है।