कर्नाटक विधानसभा चुनाव (Karnataka Assembly Election) में अपनी घोषणा पत्र में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा करने वाली कॉन्ग्रेस अब बैकफुट पर है। बजरंग दल (Bajrang Dal) पर प्रतिबंध लगाने से पीछे हटने के बाद कॉन्ग्रेस ने अब राज्य के हर जिले में हनुमान मंदिर बनवाने का ऐलान किया है।
कर्नाटक के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार (DK Shivakumar) ने कहा है कि अगर कॉन्ग्रेस सत्ता में आती है तो एक विशेष कार्यक्रम चलाया जाएगा और इसके तहत कर्नाटक के हर जिले में आंजनेय स्वामी (हनुमान) के मंदिरों का निर्माण और उनका नवीनीकरण कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए अंजनाद्री बोर्ड की स्थापना की जाएगी।
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— TIMES NOW (@TimesNow) May 4, 2023
KPCC chief #DKShivakumar promises to build & refurbish Hanuman Temples across Karnataka under a specialised programme, in each & every district, if Congress is voted into power.@dpkBopanna dissects the promises made on the same ahead of the Assembly polls – Watch. pic.twitter.com/s8ZLyXHlmP
चामुंडा पर्वत पर स्थित माता चामुंडेश्वरी की पूजा-अर्चना करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए डीके शिवकुमार ने कहा, “हम कन्नडिगा लोग (कर्नाटक के लोग) भगवान आंजनेय के बहुत पहले से भक्त हैं, क्योंकि भगवान आंजनेय का जन्म यहीं हुआ था। हम प्रत्येक जिला संगठन में आंजनेय के सिद्धांत को बनाए रखेंगे, ताकि युवाओं को सशक्त बनाया जा सके।”
लोकमत के अनुसार, बजरंग दल पर प्रतिबंध के सवाल पर उन्होंने कहा कि बजरंग बली तुलना कभी भी बजरंग दल से नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि बजरंग दल के एक राजनैतिक संगठन है, जो भाजपा को लाभ पहुँचाने के लिए उपद्रव का काम करते हैं। डीके शिवकुमार बोले, “हमने तो उन लोगों को सिर्फ रोकने की बात कर रहे हैं, जो समाज में मोरल पुलिसिंग के नाम पर कानून अपने हाथ में लेते हैं।”
बता दें कि कर्नाटक विधानसभा के लिए जारी घोषणा-पत्र में काॅन्ग्रेस ने बजरंग दल की तुलना प्रतिबंधित इस्लामी कट्टरपंथी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से करते हुए कहा है कि सत्ता में आने पर इस पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा है। हालाँकि, कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता वीरप्पा मोइली ने बुधवार (3 मई 2023) को उडुपी में मीडिया से बात करते हुए इससे इनकार कर दिया।
उन्होंने कहा, “काॅन्ग्रेस के घोषणा-पत्र (Congress Manifesto) में पीएफआई और बजरंग दल का उल्लेख है। इसमें सभी कट्टरपंथी संगठन शामिल हैं, लेकिन किसी संगठन पर प्रतिबंध लगाना राज्य सरकार के लिए संभव नहीं है, क्योंकि यह केंद्र सरकार का अधिकार क्षेत्र है। इसलिए कर्नाटक सरकार के लिए बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाना संभव नहीं है। डीके शिवकुमार इस बारे मे और विस्तार से बताएँगे।”
वीरप्पा मोइली कर्नाटक के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि घोषणा पत्र में बजरंग दल जैसे संगठनों पर प्रतिबंध का वादा हेट स्पीच पर सुप्रीम कोर्ट की हालिया टिप्पणियों को ध्यान में रखकर किया गया है। उल्लेखनीय है कि 28 अप्रैल 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने हेट स्पीच पर स्वतः संज्ञान लेकर सभी राज्यों को एफआईआर करने के निर्देश दिए थे। कहा था कि ऐसा नहीं होने पर इसे अदालत की अवमानना मानी जाएगी।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए कॉन्ग्रेस ने मंगलवार 2 मई 2023 को अपना घोषणा-पत्र जारी किया था। इसमें बजरंग दल पर प्रतिबंध का वादा करते हुए उसकी तुलना पीएफआई से की गई थी। इसके बाद से न केवल कर्नाटक, बल्कि देशभर में काॅन्ग्रेस का विरोध हो रहा है। इतना ही नहीं काॅन्ग्रेस ने घोषणा पत्र में अल्पसंख्यकों के लिए बजट में 10 हजार करोड़ रुपए की व्यवस्था करने की बात कही है।
दिलचस्प यह है कि करीब एक साल पहले प्रतिबंधित इस्लामी कट्टरपंथी संगठन पीएफआई ने भी राज्य में अल्पसंख्यकों के लिए 10 हजार करोड़ रुपए के फंड की ही डिमांड की थी। गौरतलब है कि 224 सदस्यीय कर्नाटक विधानसभा (Karnataka Assembly election 2023) के लिए 10 मई 2023 को वोट पड़ने हैं। नतीजे 13 मई को आएँगे।