कर्नाटक सरकार ने कक्षा पाँच तक के बच्चों के लिए ऑनलाइन क्लास पर प्रतिबंध लगा दिया है। कोरोना वायरस के कारण देशव्यापी बंद के बीच कई राज्यों के निजी स्कूलों ने बच्चों को घर पर रहकर ही ऑनलाइन क्लास देने का फैसला लिया था, जिस पर कर्नाटक सरकार ने महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए LKG से लेकर कक्षा पाँच तक के बच्चों के लिए ऑनलाइन क्लास पर प्रतिबंध लगा दिया है।
इसके साथ ही कहा है कि ऑनलाइन कक्षाओं के नाम पर अतिरिक्त फीस वसूलने वाले स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की जाएगी और साल 2020-21 शैक्षणिक वर्ष के लिए फीस बढ़ाने पर भी रोक लगा दी गई है।
विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक के तुरंत बाद मीडिया को जानकारी देते हुए, प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री एस सुरेश कुमार ने कहा, “हमने आज दो बड़े फैसले लिए हैं। एलकेजी, यूकेजी और प्राथमिक कक्षाओं के लिए ऑनलाइन क्लास तुरंत बंद कर दी जानी चाहिए।”
रिपोर्ट्स के अनुसार, कर्नाटक की राज्य सरकार ने यह निर्णय प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा कई अभिभावकों की शिकायतों के बाद लिया है। अभिभावकों का आरोप है कि कई निजी स्कूल किंडरगार्टन बच्चों के लिए भी ऑनलाइन क्लास चला रहे हैं।
Opinions from Parents & stakeholders are being sought regarding opening of Schools in our State. On June 10,11 & 12 in all the Schools Parents meetings will be held to this effect. So also regarding the way classes should be conducted in schools maintaining Social distance.
— S.Suresh Kumar, Minister – Govt of Karnataka (@nimmasuresh) June 3, 2020
प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री एस सुरेश कुमार ने बुधवार (जून 10, 2020) को इसकी जानकारी देते हुए कहा कि एलकेजी से कक्षा पाँचवीं तक के बच्चों के लिए ऑनलाइन क्लास आयोजित नहीं की जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन क्लासेज़ बच्चों के स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है। इस बारे में कुछ ही दिन पहले उन्होंने कहा था कि अभिभावकों की शिकायत पर विचार किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि निमहंस (NIMHANS) डायरेक्टर के एक रिपोर्ट में कहा गया था कि यह केवल 6 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों के लिए आयोजित किया जाना चाहिए क्योंकि एलकेजी से कक्षा पाँचवीं तक के बच्चों के स्वास्थ्य पर वर्चुअल क्लासेज का गलत प्रभाव पड़ेगा, ये बच्चों की सेहत के लिए सही नहीं हैं, लगातार कंप्यूटर, टैबलेट या फोन के सामने बैठने से बच्चों की आँखें, पीठ और मेंटल हेल्थ प्रभावित होगी, जिससे आगे चलकर उन्हें गंभीर बीमारी होने का खतरा है।
यह निर्णय लेने से पहले, विभाग ने विभिन्न विशेषज्ञों के साथ तीन दौर की चर्चा की, जिसमें प्रो एमके श्रीधर, प्रो वीपी निरंजनध्याय, डॉ जॉन विजय सागर और अन्य विभागों के साथ गृह और स्वास्थ्य विभाग शामिल थे। उन्होंने कहा कि हमने छात्रों के ज्ञान बढ़ाने के बारे में दिशा-निर्देश तैयार करने के लिए एक समिति का गठन किया है, जिसके प्रमुख प्रो एमके श्रीधर हैं।