बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के पतन के बाद से कॉन्ग्रेस और उसके सहयोगी पार्टियाँ ठीक वही सपना देख रही हैं, जिसमें बांग्लादेश में हिंसा के दम पर शेख हसीना को अलोकतांत्रित तरीके से अपना देश छोड़कर भागना पड़ा। कर्नाटक में कॉन्ग्रेस नेता और विधायद जीएस पाटिल भी ऐसा ही सपना देख रहे हैं। दरअसल, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर जाँच की तलवार लटकी है, ऐसे में जीएस पाटिल ने कहा कि अगर सिद्धारमैया की ताकत को कम करने की कोशिश हुई, या वो सत्ता से बेदखल हुए, तो भारत में भी बांग्लादेश जैसा हाल हो जाएगा।
गजेंद्रगढ़ में तालुक अहिंदा यूनियन द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन के दौरान जीएस पाटिल ने ये विवादित बयान दिया। पाटिल ने धमकी देते हुए कहा, “वह दिन दूर नहीं जब लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर धावा बोलेंगे, ठीक वैसे ही जैसे बांग्लादेश में हुआ था।”
Gadag, Karnataka: Congress MLA G.S. Patil, during a protest supporting CM Siddaramaiah, claimed that PM Modi's residence might face a siege similar to that of Bangladesh’s PM. He accused BJP leaders PM Modi and Amit Shah of targeting CM Siddaramaiah for political gains pic.twitter.com/NvJJesNNJ6
— IANS (@ians_india) August 28, 2024
विधायक ने दावा किया कि मोदी सरकार राज्यपाल के माध्यम से कॉन्ग्रेस पार्टी के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार को कमजोर करने का प्रयास कर रही है। पाटिल ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार द्वारा पूँजीपतियों के हितों को आम जनता के हितों से अधिक प्राथमिकता दे रही है, जबकि सिद्धारमैया का प्रशासन जनता के हित में है। पाटिल ने कहा, “सिद्धारमैया ऐसी योजनाएँ लागू कर रहे हैं जो राज्य में सभी समुदायों के विकास का समर्थन करती हैं।”
जीएस पाटिल ने आरोप लगाया कि राज्यपाल ने पहले बीजेपी और जेडीएस नेताओं के खिलाफ चार्जशीट दाखिल होने के बावजूद मुकदमा चलाने की अनुमति नहीं दी थी, लेकिन महज एक कार्यकर्ता की शिकायत के आधार पर सिद्धारमैया के खिलाफ़ मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है। पाटिल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर देश को ख़तरनाक रास्ते पर ले जाने और देश में राजनीतिक अशांति पैदा करने का आरोप लगाया।
इस बीच, बीजेपी नेताओं ने उनके बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। विजयपुरा लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद रमेश जिगाजिनागी ने उनके बयान की निंदा की और कहा कि कॉन्ग्रेस नेताओं में बुद्धि और समझ की कमी है। वो जनता को धोखा दे रहे हैं। सांसद ने कहा कि कॉन्ग्रेस प्रशासन राज्य के विकास में योगदान देने में विफल रहा है।
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही कॉन्ग्रेस के एमएलसी इवान डिसूजा ने राज्यपाल थावर चंद गहलोत को धमकी दी थी कि अगर उन्होंने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की जाँच के लिए दिए गए अपने निर्देश को वापस लेने से इनकार कर दिया तो उनका “बांग्लादेश जैसा हश्र” होगा। उन्होंने घोषणा की, “अगर राष्ट्रपति राज्यपाल को वापस भेजने में विफल रहते हैं, तो राज्यपाल के कार्यालय को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री जैसी ही स्थिति का सामना करना पड़ेगा, जिन्हें रात के दौरान अचानक अपना पद छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा था। हमारी अगली लड़ाई ‘चलो राज्यपाल कार्यालय’ के नारे के साथ होगी।”
बता दें कि 17 अगस्त को राज्यपाल थावर चंद गहलोत ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) जमीन के आवंटन में अनियमितताओं के बारे में सिद्धारमैया के खिलाफ जाँच को अधिकृत मंजूरी दी। सिद्धारमैया ने राज्यपाल के आदेश को कर्नाटक उच्च न्यायालय में चुनौती देकर जवाब दिया। उच्च न्यायालय ने ट्रायल कोर्ट को 29 अगस्त की सुनवाई तक मुख्यमंत्री के खिलाफ कोई भी आगे की कार्रवाई करने से रोकने का आदेश दिया है।