देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ‘आलसी’ और ‘अनपढ़’ बताने वाला अपमानजनक ट्वीट करने के बाद सोमवार को कर्नाटक कॉन्ग्रेस को शर्मिंदा होना पड़ा। कर्नाटक कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से एक ट्वीट में कन्नड़ में कहा, “कॉन्ग्रेस ने स्कूल बनाए, लेकिन मोदी कभी पढ़ने नहीं गए। कॉन्ग्रेस ने वयस्कों को सीखने के लिए योजनाएँ बनाईं, लेकिन मोदी ने वहाँ भी नहीं सीखा। भले ही भीख माँगना प्रतिबंधित है, लेकिन आलसी लोगों ने देश की जनता को भिखारी बना दिया है। #angoothachhaapmodi की वजह से देश भुगत रहा है।”
कर्नाटक में 30 अक्टूबर को सिंदगी और हनागला निर्वाचन क्षेत्रों के लिए होने वाले उपचुनाव से ठीक पहले कांग्रेस का शर्मनाक ट्वीट आया। इस ट्वीट के बाद राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए कर्नाटक कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने कथित तौर पर अपनी टीम से इस सोशल मीडिया पोस्ट को हटाने के लिए कहा है। इसके साथ ही शिवकुमार ने इस ट्वीट के लिए ‘नौसिखिए सोशल मीडिया हैंडलर’ को दोष दिया है।
I have always believed that civil and parliamentary language is a non-negotiable pre-requisite for political discourse. An uncivil tweet made by a novice social media manager through the Karnataka Congress official Twitter handle is regretted and stands withdrawn.
— DK Shivakumar (@DKShivakumar) October 18, 2021
शिवकुमार ने ट्वीट किया, “मैंने हमेशा माना है कि राजनीतिक डिस्कोर्स के लिए लोक और संसदीय भाषा एक आवश्यकता है। कर्नाटक कॉनग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल के माध्यम से एक नौसिखिए सोशल मीडिया मैनेजर द्वारा किया गया एक असभ्य ट्वीट खेदजनक है और इसे हटा लिया गया है।”
एक तरफ कर्नाटक कॉन्ग्रेस अध्यक्ष ट्वीट के बारे में अफसोस जता रहे थे, जबकि पार्टी प्रवक्ता लावण्या बल्लाल ने इस मामले में माफी माँगने से इनकार कर दिया है। एनडीटीवी से बातचीत में ट्वीट का बचाव करते हुए लावण्या ने कहा कि कर्नाटक भाजपा ने कॉन्ग्रेस नेतृत्व का अपमान करने वाले और अभद्र भाषा का उपयोग करते हुए इससे बदतर ट्वीट किए हैं।
“The tweet was tongue-in-cheek but it is not as disgusting as some of the tweets that have come out of #Karnataka BJP in the last one week”: @LavanyaBallal, Congress Spokesperson pic.twitter.com/falrsw4wNf
— NDTV (@ndtv) October 18, 2021
जब एंकर ने लावण्या से पूछा कि क्या कॉन्ग्रेस का यह ट्वीट ‘जैसे को तैसा’ था, तब उन्होंने कहा, “क्या आपने कभी बीजेपी से उनके आचरण के लिए सवाल किया है?” हालाँकि, यह पहली बार नहीं है, जब कॉन्ग्रेस ने भारत के प्रधानमंत्री के लिए अपमानजनक और असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया है।
पिछले महीने टाइम्स नाउ नवभारत पर एक चर्चा में कॉन्ग्रेस प्रवक्ता मुदित अग्रवाल ने कहा था कि पीएम मोदी ‘अपनी मां को टीवी पर बेचते हैं’। पीएम मोदी की पृष्ठभूमि के बारे में बात करते हुए कॉन्ग्रेस प्रवक्ता ने कहा, “उन्होंने कभी चाय नहीं बेची। वह झूठ बोल रहे थे। वह उस तरह के व्यक्ति हैं, जो टेलीविजन पर अपनी मां को बेचते हैं।”
नवंबर 2018 में कॉन्ग्रेस नेता राज बब्बर ने यह कहकर पीएम मोदी की माँ का मजाक उड़ाया था कि रुपये का इतना अवमूल्यन हो रहा है कि वह उनकी माँ की उम्र (97/98) तक पहुँच गया है। इससे पहले, कॉन्ग्रेस के एक नेता और सांसद उम्मीदवार ने पीएम मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की चाची, माँ और बहन की तुलना आवारा मवेशियों से की थी।
खुद पीएम मोदी ने 2019 में एक रैली को संबोधित करते हुए कॉन्ग्रेस द्वारा उन्हें बोले गए अपशब्दों की चर्चा की थी। उन्होंने कहा था, “कॉन्ग्रेस के एक नेता ने मुझे ‘गंदी नाली का कीड़ा’ कहा, एक नेता ने मुझे पागल कुत्ता कहा, दूसरे ने मुझे भस्मासुर कहा। एक और कांग्रेसी नेता, जो विदेश मंत्री थे, ने मुझे बंदर कहा जबकि एक अन्य मंत्री ने मेरी तुलना दाऊद इब्राहिम से की।” पीएम ने आगे कहा था, “उन्होंने मेरी माँ को भी गालियाँ दीं और यहाँ तक पूछा कि मेरे पिता कौन हैं। याद रखें कि यह सब मेरे प्रधानमंत्री बनने के बाद कहा गया था।”