Sunday, December 22, 2024
Homeराजनीतिकर्नाटक में भर्ती एग्जाम में 'हिजाब' पर बैन, मंगलसूत्र-बिछ‍िया की इजाजत: भड़के INDI गठबंधन...

कर्नाटक में भर्ती एग्जाम में ‘हिजाब’ पर बैन, मंगलसूत्र-बिछ‍िया की इजाजत: भड़के INDI गठबंधन के उमर अब्दुल्ला, कहा- ‘मुस्लिमों को बनाया जा रहा निशाना, कॉन्ग्रेस से उम्मीद नहीं

"यह निराशाजनक है कि कॉन्ग्रेस शासन में ऐसे आदेश जारी किए जा रहे हैं... मैं अपील करूँगा सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी से कि कर्नाटक में जो जारी आदेश जारी हुआ है इस पर दोबारा सोच लें और इसे वापस लेने का काम करें।" 

कर्नाटक परीक्षा प्राधिकरण (KEA) ने भर्ती परीक्षाओं में सिर ढकने (हिजाब) पर बैन लगा दिया है। हालाँकि, एग्जाम हाल में अन्य तरह के जेवरों को छोड़कर मंगलसूत्र-बिछ‍िया पहनने की इजाजत दी गई है। केईए ने फोन ब्लूटूथ, इयरफ़ोन जैसे किसी भी तरह के इलेक्ट्रॉनिक गैजेट को लाने पर भी रोक लगा दी है।

जहाँ परीक्षा ड्रेस कोड में लड़कियों को ऊँची एड़ी के जूते, जींस और टी-शर्ट पहनने पर बैन लगाया गया है। वहीं पुरुषों को आधी आस्तीन वाली शर्ट पहनने की मंजूरी दी गई है, लेकिन वो शर्ट उनके पैंट में अंदर टक की गई नहीं होनी चाहिए।

हालाँकि, कर्नाटक परीक्षा प्राधिकरण के ड्रेस कोड में प्रतिबंधित कपड़ों की सूची में हिजाब का स्पष्ट रूप से उल्लेख नहीं किया गया है। लेकिन भर्ती परीक्षाओं के दौरान सिर ढकने के खिलाफ नियम इस पर रोक लगाएँगे। वहीं भर्ती परीक्षा में हिजाब बैन को लेकर उमर अब्दुल्ला का भी बयान आया है।

सिर ढकने पर कर्नाटक परीक्षा प्राधिकरण के प्रतिबंध पर एनसी उपाध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला कहते हैं, “यह निराशा की बात है। सरकार क्या पहनने और क्या नहीं पहनने में हस्तक्षेप क्यों करेगी? मुस्लिमों को निशाना बनाकर विशेष तौर पर जारी किए गए। जब पहले कर्नाटक में ऐसा होता था, तो हमें कोई आश्चर्य नहीं हुआ क्योंकि उस समय भाजपा सरकार थी। यह निराशाजनक है कि कॉन्ग्रेस शासन में ऐसे आदेश जारी किए जा रहे हैं… मैं अपील करूँगा वरिष्ठ नेताओं मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी से कि कर्नाटक में जो जारी आदेश जारी हुआ है इस पर दोबारा सोच लें और इसे वापस लेने का काम करें।” 

बता दें कि कर्नाटक परीक्षा प्राधिकरण ने राज्य में कई बोर्डों और निगमों की आगामी भर्ती परीक्षाओं को लेकर ये फैसला लिया है। क्योंकि प्रदेश भर में कई बोर्ड और निगमों में भर्ती के लिए परीक्षा 18 और 19 नवंबर को होनी हैं।

कहा जा रहा है कि कुछ छात्रों के ब्लूटूथ डिवाइस के इस्तेमाल की शिकायतों के बाद राज्य सरकार ने इस बार बैन लगाने का फैसला लिया है। दरअसल, अक्टूबर 2023 में केईए की आयोजित परीक्षाओं में कलबुरगी और यादगीर परीक्षा केंद्रों में उम्मीदवारों के कथित तौर पर ब्लूटूथ डिवाइस का इस्तेमाल करने की घटना सामने आई थी। इस घटना को लेकर राज्य सरकार ने 11 नवंबर, 2023 को राज्य सीआईडी को इसकी जाँच का आदेश दिया था।

गौरतलब है कि कर्नाटक में हिजाब पर विवाद जनवरी 2022 में भड़का था। तब उडुपी के सरकारी पीयू कॉलेज ने कथित तौर पर हिजाब पहनने वाली छह लड़कियों को प्रवेश से रोक दिया। इसे लेकर इन लड़कियों ने कॉलेज के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।

इसके बाद उडुपी के कई कॉलेजों के लड़के भगवा स्कार्फ पहनकर क्लास में जाने लगे थे। धीरे-धीरे ये विरोध राज्य के अन्य हिस्सों में भी फैल गया और इसने विरोध प्रदर्शनों और आंदोलनों का रूप ले लिया। इस मामले के कोर्ट में पहुँचने पर 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के अंतर्गत आने वाली कक्षाओं में हिजाब पर प्रतिबंध लगाने के कर्नाटक सरकार के फैसले को बरकरार रखा था।

तब बीजेपी की सीएम बसवराज सोमप्पा बोम्मई की सरकार ने इस आदेश को 10वीं और 12वीं कक्षा जैसी अन्य बोर्ड परीक्षाओं के साथ-साथ केईए की आयोजित होने वाली सामान्य प्रवेश परीक्षा तक भी बढ़ा दिया था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

किसी का पूरा शरीर खाक, किसी की हड्डियों से हुई पहचान: जयपुर LPG टैंकर ब्लास्ट देख चश्मदीदों की रूह काँपी, जली चमड़ी के साथ...

संजेश यादव के अंतिम संस्कार के लिए उनके भाई को पोटली में बँधी कुछ हड्डियाँ मिल पाईं। उनके शरीर की चमड़ी पूरी तरह जलकर खाक हो गई थी।

PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ : जानें अब तक और कितने देश प्रधानमंत्री को...

'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' कुवैत का प्रतिष्ठित नाइटहुड पुरस्कार है, जो राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है।
- विज्ञापन -