Friday, November 15, 2024
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‘1 इंच भी नहीं देंगे’: CM उद्धव के ‘कर्नाटक का क्षेत्र मिलाएँगे महाराष्ट्र में’ ऐलान पर भड़के कन्नड़ नेता और लोग

महाराष्ट्र सरकार इस लड़ाई को या तो सड़क पर लड़े, या कोर्ट में... कर्नाटक एक इंच जमीन भी नहीं देगा। सीमा-विवाद 2004 में ही सुलझा लिया गया था लेकिन महाराष्ट्र सरकार...

कर्नाटक के मंत्री सुरेश कुमार ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को जम कर खरी-खोटी सुनाई है। उन्होंने रविवार (जनवरी 17, 2021) को कहा कि उद्धव ठाकरे का बयान राजनीतिक रूप से खुद को श्रेष्ठ दिखाने की उनकी कोशिश को प्रदर्शित करता है। दरअसल, सीएम उद्धव ने कहा था कि वो कर्नाटक के उन क्षेत्रों को महाराष्ट्र में मिलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जहाँ मराठी भाषी रहते हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए कइयों ने ‘बलिदान’ दिया है, जिन्हें ये सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

अब कर्नाटक के मंत्री और कन्नड़ एक्टिविस्ट्स ने उन्हें सलाह दी है कि वो दोनों राज्यों के बीच सीमा-विवाद को बढ़ावा देने के बदले अपने राज्य में कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई पर ध्यान दें, विकास परियोजनाओं पर अपना फोकस रखें। राज्य के शिक्षा मंत्री सुरेश कुमार ने कहा कि सीमा-विवाद पहले ही अच्छी तरह सुलझा लिया गया है और सीएम उद्धव सही मुद्दों पर ध्यान दें। उन्होंने सलाह दी कि ऐसे मुद्दों को लेकर हंगामा करने से कुछ नहीं होने वाला है।

उद्धव ठाकरे ने अपनी ट्वीट्स में कहा था, “कर्नाटक द्वारा कब्ज़ा किए गए मराठी भाषी लोगों और मराठा संस्कृति के क्षेत्रों को हम महाराष्ट्र में मिलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। सीमा-विवाद के बलिदानियों के लिए यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी। हम इसके लिए एक हैं। इस वादे के साथ हम बलिदानियों को सम्मान देते हैं।” बता दें कि बेलगावी सहित कुछ हिस्से कभी बॉम्बे प्रेसिडेंसी का हिस्सा हुआ करते थे। यहाँ मराठी भाषी बहुमत में हैं।

इसी विवाद में 1956 में कई लोगों की मौत हो गई थी, जिन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए ‘महाराष्ट्र एकीकरण समिति’ सहित अन्य मराठा संस्थाएँ जनवरी 17 को ‘बलिदान दिवस’ के रूप में मनाती आ रही हैं। उत्तरी कर्नाटक के बेलगाम के बेलगावी में कर्नाटक ने विधान सौधा की तर्ज पर एक ‘सुवर्ण विधान सौधा’ बना रखा है, ताकि इस क्षेत्र को राज्य का अभिन्न अंग दिखाया जा सके। यहाँ साल में एक बार विधान सौधा का सेशन भी होता है।

उधर ‘बेलगावी डस्ट्रिक्ट कन्नड़ आर्गेनाईजेशन एक्शन कमिटी’ के अध्यक्ष अशोक चंडारगी ने कहा कि महाराष्ट्र ने सुप्रीम कोर्ट में एक सूट दायर किया हुआ है। उन्होंने कहा कि सीमा-विवाद 2004 में ही सुलझा लिया गया था लेकिन महाराष्ट्र सरकार यहाँ आवागमन पर प्रतिबंध लगाती है। उन्होंने सलाह दी कि महाराष्ट्र सरकार इस लड़ाई को या तो सड़क पर लड़े, या कोर्ट में। सीमा-विवाद के मामले को देखने के लिए कर्नाटक में एक अलग से मंत्री बनाए जाने की भी माँग की जा रही है।

उधर राज्य के जल संसाधन मंत्री रमेश जारखीहोली ने कहा कि महाराष्ट्र को कर्नाटक एक इंच जमीन भी नहीं देगा। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार पर इस मामले में ‘गैर-ज़रूरी कन्फ्यूजन’ पैदा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि महाजन कमीशन की रिपोर्ट स्वीकृत हो गई है और अब एक इंच जमीन भी देने का सवाल नहीं उठता। ‘कन्नड़ डेवलपमेंट अथॉरिटी (KDA)’ के अध्यक्ष टीएस नागभरण ने भी इसे दोहराया। वहीं कुछ एक्टिविस्ट्स ने कहा कि महाराष्ट्र को शोलापुर कर्नाटक को दे देना चाहिए।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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