ज्यादा वक्त नहीं बीता है जब कॉन्ग्रेस के साथ मिलकर भी जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी कर्नाटक में अपनी सरकार नहीं बचा पाए थे। सरकार बचाने के लिए उस समय तमाम हथकंडे अपनाए गए थे। अब पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने कहा है कि वे राज्य की भाजपा सरकार को गिरने नहीं देंगे। उन्होंने कहा, “मैं मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की अगुवाई वाली सरकार को गिरने नहीं दूँगा। कॉन्ग्रेस की मध्यावधि चुनाव कराने की मंशा को पूरा नहीं होने दूँगा।”
पत्रकारों से बात करते कुमारस्वामी यह भी दावा किया कि भाजपा सरकार का कार्यकाल मेरे हाथों में है। उन्होंने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में राज्य में बाढ़ के चलते हालत खराब है। राज्य सरकार जो धनराशि दे रही है उसका आवंटन बाढ़ प्रभावितों के पुनर्वास के लिए किया जाना चाहिए। जिन किसानों की फसल बाढ़ में तबाह हो गई है उन्हें मुआवजा दिया जाए और बेघरों को आवास मुहैया कराया जाए।
कुमारस्वामी ने कहा कि इस समय राज्य में मध्यावधि चुनाव कराने के लिए 250 करोड़ रुपए से अधिक की जरूरत होगी। इस पैसे के इस्तेमाल प्रभावित लोगों की मदद के लिए किया जा सकता है। उनका कहना है कि राज्य में फिर से चुनाव कराए जाने का यह सही समय नहीं है। भाजपा सरकार कुछ माह पहले ही सत्ता में आई है, उसे काम करने के लिए थोड़ा समय देना चाहिए।
Will not try to dislodge government, says former Karnataka CM HD Kumaraswamyhttps://t.co/ikYuSklq5Y pic.twitter.com/C4ZIVTmDcG
— Hindustan Times (@htTweets) October 28, 2019
हालाँकि कुमारस्वामी का यह बयान कॉन्ग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को रास नहीं आया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के प्रति समर्पण का भाव दिखा कर जेडीएस नेता सांप्रदायिक ताकतों को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने कहा, “कुमारस्वामी पहले भी सांप्रदायिक भाजपा के समर्थन से सरकार बना चुके हैं। इसलिए मुझे उनके बयान से कोई आश्चर्य नहीं हो रहा है। जेडीएस नेता का असली रंग फिर सामने आ गया।”
सिद्धारमैया ने कहा, “मैंने राज्य में भाजपा सरकार को गिराने की कसम नहीं खाई थी, बल्कि विधानसभा उपचुनावों में भगवा पार्टी की हार के साथ भाजपा सरकार के गिरने का अनुमान जताया था।” गौरतलब है कि मई 2018 में हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भाजपा बहुमत से दूर रह गई थी। उसे रोकने के लिए कॉन्ग्रेस ने जेडीएस से हाथ मिला लिया था। लेकिन जुलाई के अंत में दोनों दलों के विधायकों की बगावत के कारण यह सरकार गिर गई थी।