आर्टिकल 370 पर केन्द्र सरकार के फैसले को धर्म से जोड़ने वाले वरिष्ठ कॉन्ग्रेसी और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के सांसद बेटे कार्ति चिदंबरम ने सुपरस्टार रजनीकांत पर निशाना साधा है। कार्ति इस बात से नाराज़ हैं कि रजनीकांत ने अनुच्छेद 370 के मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की प्रशंसा की। बता दें कि रजनीकांत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की तुलना कृष्ण एवं अर्जुन की जोड़ी से की थी।
सुपरस्टार ने अपने चिर-परिचित अंदाज में कहा था कि इन दोनों में अर्जुन कौन है और कृष्ण कौन है, इसका जवाब यही दोनों नेता दे सकते हैं। रजनीकांत के सम्बोधन के दौरान अमित शाह भी मंच पर मौजूद थे। रजनीकांत ने कहा था, “मिशन कश्मीर के लिए आपको बधाई।“ रजनीकांत ने कार्यक्रम के दौरान अमित शाह द्वारा संसद में अनुच्छेद 370 पर दिए गए भाषण को भी विलक्षण बताया था।
इसी बात से चिढ़े कार्ति चिदंबरम ने रजनीकांत पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि रजनीकांत ने कश्मीर मसले और भारत के संवैधानिक इतिहास को समझे बिना मोदी-शाह की तुलना कृष्ण-अर्जुन की जोड़ी से कर दी। कार्ति ने कहा कि रजनीकांत को भारत के सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर टिप्पणी करनी चाहिए लेकिन वह सिर्फ़ सेलेक्टिव मसलों पर ही बयान देते हैं। उन्होंने आरटीआई बिल और नीट मसले पर रजनीकांत से टिप्पणी की माँग की। कार्ति चिदंबरम ने कहा:
“पुराण पढ़ने वाले रजनीकांत को कश्मीर का इतिहास पढ़ना चाहिए और 1930-45 के बीच का जर्मनी का इतिहास भी पढ़ना चाहिए। “
जर्मनी के इतिहास से कार्ति का आशय हिटलर के इतिहास से था, क्योंकि उन्होंने जिस कालावधि का जिक्र किया, वह हिटलर का दौर था। कार्ति चिदंबरम और उनके पिता पी चिदंबरम पर एयरसेल-मैक्सिस मामले में गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई है। अदालत द्वारा चिदंबरम पिता-पुत्र को कई बार गिरफ्तारी से राहत प्रदान कर चुकी है।
Karti Chidambaram attacks Rajinikanth for backing Modi govt on J&K, says ‘I feel he doesn’t understand Kashmir’ https://t.co/ZfKgfYWc9x
— Republic (@republic) August 13, 2019
कार्ति ने पूछा कि अगर पोंगल से पहले तमिलनाडु भी कश्मीर की तरह लॉकडाउन हो जाए तो क्या इसे स्वीकार किया जाएगा? उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने अनुच्छेद 370 सम्बन्धी निर्णय जम्मू-कश्मीर क्षेत्र और वहाँ की मुस्लिम जनसंख्या को अपने नियंत्रण में लेने के लिए किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार इतने बड़े बहुमत का ग़लत इस्तेमाल कर रही है।