अनुच्छेद-370 के प्रावधानों को निरस्त किए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में एहतियातन नजरबंद किए नेताओं को रिहा करने का क्रम जारी है। शुक्रवार को चार नेता रिहा किए गए। इनमें नेशनल कॉन्फ्रेंस के अशफ़ाक़ जब्बार और गुलाम नबी, पीडीपी के जहूर मीर और यासिर रेशी तथा कॉन्ग्रेस के बशीर मीर शामिल हैं। सरकार ने कहा है कि धीरे-धीरे सभी नेता रिहा कर दिए जाएँगे।
24 नेता अभी भी नज़रबंद हैं। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ़्ती भी शामिल हैं। इनके अलावा, सज्जाद लोन, नईम अख्तर और शाह फैसल सहित अन्य नेता श्रीनगर के एमएलए हॉस्टल में नज़रबंद हैं। मीडिया की खबरों की मानें तो नजरबंदी ने नेताओं के जीवनशैली को काफी हद तक बदल दिया है। पूर्व मुख्यमंत्रियों नेशनल कॉन्फ्रेन्स के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला और PDP अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती का ज़ायका तक बदल गया है। उमर अब्दुल्ला न अब कबाब की इच्छा जताते हैं और न महबूबा को चिकन सूप या गोश्ताबा और रिसता चाहिए।
दैनिक जागरण की ख़बर के अनुसार, उमर अब्दुल्ला को कबाब बेहद पसंद है। वहीं महबूबा मुफ़्ती को चिकन, चिकन सूप और वाजवान में रिसता व गोश्तबा के अलावा चाइनीज़ खाना पसंद है। ख़बर के अनुसार दोनों नेताओं को जब हिरासत में लिया गया था, तब उन्हें कई दिनों तक उनकी इच्छानुसार मांसाहारी खाना दिया गया था। दरअसल, जेल मैन्युअल के मुताबिक़ शाकाहारी और मांसाहारी दोनो तरह का खाना क्रमानुसार उपलब्ध कराया जाता है। लेकिन, पिछले एक महीने से दोनों नेता मांसाहार को छू तक नहीं रहे।
दोनों नेताओं की सुरक्षा में तैनात अधिकारियों ने बताया कि उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ़्ती की खुराक में साग, दाल, सब्जी, चपाती और चावल शामिल है। इसके अलावा, वो फलों का सेवन भी करते हैं। उन्होंने बताया कि दोनों नेताओं को जहाँ रखा गया है वहाँ खाना पकाने की अनुमति नहीं है। लेकिन, चाय के लिए प्रावधान किया गया है। दोनों नेताओं को जब चाय और हल्का नाश्ता लेने की इच्छा होती है तो संबंधित कर्मियों द्वारा उनके लिए चाय व हल्का नाश्ता दिया जाता है। यह सुविधा उनसे मिलने-जुलने वाले लोगों के लिए भी है। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि इन नेताओं से मिलने वाला कोई निकट संबंधी हो तो वो खाना भी ला सकता है, लेकिन उस खाने की जाँच अनिवार्य होती है।
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