दिल्ली की जनता से बड़े-बड़े वादे करके मुकर जाने वाले अरविंद केजरीवाल एक बार फिर से सवालों के घेरे में हैं। कुछ समय पहले उनकी सरकार ने ऐलान किया था कि वे बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देंगे। उनकी योजना में कहा गया था कि सरकार ‘ग्रेजुएट’ बेरोजगार युवाओं को 5000 रुपए/माह देगी और ‘पोस्ट ग्रेजुएट’ युवाओं को 7500 रुपए/माह मिलेगा।
अब इसी योजना से दिल्ली के कितने युवा लाभान्वित हुए, इसकी जानकारी एक आरटीआई में माँगी गई। लेकिन आरटीआई ने युवाओं की संख्या बताने की जगह एक चौंकाने वाला खुलासा किया। इसमें बताया गया कि ऐसी कोई योजना दिल्ली सरकार नहीं चलाती है।
RTI में पूछे गए 3 सवाल
एक्टिविस्ट विवेक पांडे ने ये आरटीआई 29 जुलाई 2022 को मुख्यमंत्री कार्यालय में दी थी। इसके बाद ये रोजगार निदेशालय दी गई। इस आरटीआई में उन्होंने तीन सवालों के जवाब माँगे थे। पहला-अब तक इस योजना के लिए पंजीकृत लोगों की कुल संख्या। दूसरा- इस योजना के तहत अब तक लाभान्वित हुए लोगों की कुल संख्या का विवरण। तीसरा- योजना के तहत अब तक दिल्ली सरकार द्वारा जारी की गई कुल राशि की जानकारी।
1 अगस्त 2022 को इसका जवाब आया और इसी में लिखा था कि दिल्ली सरकार इस तरह की कोई योजना नहीं लागू की गई है।
छलावा थी केजरीवाल सरकार की घोषणा
मालूम हो कि इस योजना का पंजीयन रोजगार निदेशालय के द्वारा ऑनलाइन माध्यम से किया जाना था। लेकिन जब योजना शुरू ही नहीं हुई तो फिर इसमें पंजीकरण कराने वाले युवाओं की जानकारी होने का सवाल ही नहीं उठता। विवेक की आरटीआई से हुए इस खुलासे के बाद पता चल चुका है कि दिल्ली सरकार की ‘योजना’ छलावा थी, जो कि पढ़े-लिखे बेरोजगार युवाओं कों सांत्वना देने मात्र की गई थी।
दिल्ली में पूरे नहीं किए वादे, गुजरात में दिखा रहे सपने
हैरानी इस बात की है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जिन्होंने दिल्ली की जनता से किए वादे ही पूरे नहीं किए, वह गुजरात चुनावों से पहले वहाँ की जनता से भी ऐसे वादे कर रहे हैं। उन्होंने गुजरात चुनावों के मद्देनजर कहा है कि अगर उनकी सरकार आई तो वो हर रोजगार और बेरोजगार युवा को 3000 रुपए देंगें।
विवेक पांडे ने अपने ट्विटर आरटीआई के स्क्रीनशॉट शेयर किए हैं और कहा है कि दिल्ली में योजना लागू तक नहीं हुई और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ऐसी अनाउंसमेंट गुजरात में भी कर दी। इस योजना की सच्चाई क्या है ये दिल्ली में देख सकते हैं।
प्रचार में नहीं है कोई कमी?
उल्लेखनीय है कि दिल्ली सरकार द्वारा युवाओं के लिए बेरोजगारी भत्ता की घोषणा किए जाने के बाद तमाम पोर्टल्स पर इसकी जानकारी प्रकाशित हुई थी। इंटरनेट पर यदि सर्च करें तो पाएँगे कि कुछ लेखों में एक-एक स्टेप के साथ बताया गया है कि बेरोजगार युवा इसका लाभ कैसे ले सकते हैं। जॉब की जानकारी देने वाली साइट्स पर भी इस योजना का विवरण छपा है।
सवाल है कि अगर हकीकत में ऐसी कोई योजना है ही नहीं, तो फिर वे लिंक किस काम के हैं जिन पर बेरोजगारी भत्ता के लिए पंजीकरण करने को कहा जाता है?
विवेक पांडे की आरटीआई ने साफ कर दिया है कि दिल्ली सरकार जिन सुविधाओं को देने का प्रचार केजरीवाल सरकार करवाती है उन्हें जारी रखना तो दूर, उन्हें शुरू तक नहीं करती। ऐसा ही खिलवाड़ उन्होंने दिल्ली के स्वास्थ्य क्षेत्र में किया हुआ है। उन्होंने वादा किया था कि एक साल में 7 अस्पताल बनाएँगे। मगर, हाल ही में ये पता चला कि 7 तो दूर की बात है 1 अस्पताल भी पिछले 1 साल में नहीं खुला।