केरल में पिनराई विजयन के नेतृत्व वाली वामपंथी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) सरकार के मंत्री रहे साजी चेरियन की संविधान का अपमान करने के मामले में मुश्किलें बढ़ गई हैं। साजी चेरियन के खिलाफ गुरुवार (7 जुलाई 2022) को केस दर्ज किया गया है। इस बीच अब उन्होंने राज्य कैबिनेट के मंत्री पद से भी इस्तीफा दे दिया है।
इस मामले में एक स्थानीय अदालत के आदेश पर पठानमथिट्टा जिले की कीझवईपुर पुलिस ने राष्ट्रीय सम्मान के अपमान की रोकथाम अधिनियम की धारा-2 के तहत केस दर्ज किया है। इस बात की पुष्टि एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने की है। संविधान के अपमान के मामले में दोषी पाए जाने पर उन्हें अधिकतम तीन साल कारावास या जुर्माना या दोनों की सजा मिल सकती है। खास बात ये है कि जिस दौरान संविधान के अपमान के मामले में चेरियन के खिलाफ ये केस दर्ज किया जा रहा था, उस वक्त वो विधानसभा सत्र में भाग ले रहे थे।
Case registered against Kerala minister Saji Cheriyan, who resigned from the state cabinet yesterday, for his remarks against the Constitution.
— ANI (@ANI) July 7, 2022
Keezhvaipur Police registered a case under section 2 of the Prevention of Insults to National Honour Act, 1971.
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क्या है ये मामला
गौरतलब है कि एक स्थानीय टीवी चैनल में एक कार्यक्रम के दौरान साजी चेरियन ये कहते देखे गए कि देश का संविधान ‘शोषण को क्षमा करता है’ और देश के लोगों को ‘लूट’ करने में मदद करने के लिए लिखा गया है।
उनका ये बयान वायरल हो गया। इसके बाद एर्नाकुलम के एक वकील ने कथित तौर पर संविधान का अपमान करने के मामले में मंत्री के खिलाफ तिरुवल्ला मजिस्ट्रेट कोर्ट में एक याचिका दायर कर आरोपित के खिलाफ कार्रवाई की माँग की। इसी के बाद बुधवार को अदालत ने मामले में केस दर्ज करने का आदेश दिया।
हालाँकि, उससे पहले मंगलवार (5 जुलाई, 2022) दोपहर को विधानसभा में एक बयान में चेरियन ने कहा कि पठानमथिट्टा जिले के मल्लपल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में संविधान की आलोचना करने का दावा करने वाली समाचार रिपोर्टों को ‘विकृत’ किया गया था।
उन्होंने कहा था, “मैं एक लोक सेवक हूँ जो संविधान का सम्मान करता है और इसके महान मूल्यों को कायम रखता है। मेरा कभी भी संविधान का अपमान करने या इसके खिलाफ कुछ भी कहने का इरादा नहीं था।”