देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath kovind) को डॉक्टरेट ऑफ लिटरेचर (D Lit) की मानद उपाधि देने के केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान (Arif Mohammad khan) के अनुरोध को केरल विश्वविद्यालय (Kerala University) ने ठुकरा दिया है। अब इस मामले में राज्य सरकार और वामपंथी पी विजयन सरकार (P vijyan Government) के बीच टकराव बढ़ने के आसार नजर आ रहे हैं। कहा जा रहा है कि कथित राजनीतिक दवाब में आकर विश्वविद्यालय ने राष्ट्रपति को डी लिट की मानद उपाधि देने से इनकार कर दिया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, राज्यपाल के अनुरोध पर केरल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ वीपी महादेवन पिल्लई ने गवर्नर को लिखे पत्र में स्पष्ट किया है कि राज्य सरकार और विश्वविद्यालय सिंडिकेट को राष्ट्रपति कोविंद को डी लिट की डिग्री देने में कोई रुचि नहीं है।
राष्ट्रपति कोविंद को डी लिट की उपाधि देने के बजाय संस्कृत विश्वविद्यालय ने पहले अभिनेत्री शोभना, म्यूजिशियन डॉ टीएम कृष्णा और अपने ही पूर्व कुलपति डॉ एनपी उन्नी को यह डिग्री देने का फैसला किया था। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने विश्वविद्यालय की इस सिफारिश को स्वीकार भी कर लिया था। इसके साथ ही उन्होंने यह इशारा भी किया कि राज्य सरकार द्वारा लिए गए कुछ निर्णयों ने देश की प्रतिष्ठा को ठेस पहुँचाई है।
राज्यपाल ने यूनिवर्सिटी के कुलपति को राजभवन बुलाकर राष्ट्रपति को डी लिट की डिग्री देने के लिए कहा था। उन्होंने ये लिखित में भी दिया था। लेकिन, उनके अनुरोध को खारिज कर दिया गया। बताया जाता है कि वीसी ने सिंडिकेट सदस्यों को राज्यपाल के निर्देश से अवगत कराया था। इसको लेकर राजनीतिक कार्यकारिणी से भी बात की गई. बाद में कुलपति ने राज्यपाल से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात कर राष्ट्रपति को डी लिट की डिग्री देने से इनकार कर दिया।
कॉन्ग्रेस ने राज्य सरकार से माँगा जवाब
राष्ट्रपति को डी लिट की डिग्री देने से केरल सरकार के निर्देश पर खारिज किया गया। इस पर कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता रमेश चेन्नितला (Ramesh channithala) ने पिनरई विजयन सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने राज्य सरकार से यह स्पष्ट करने की माँग की है कि आखिर उसने किस आधार पर राष्ट्रपति को डी लिट की डिग्री देने की सिफारिश को खारिज किया।
गौरतलब है कि राज्यपाल आरिफ मोहम्मद विश्व विद्यालय के कुलाधिपति हैं। इस पर उन्होंने कहा है कि उन्हें कुलाधिपति बनने में कोई दिलचस्पी नहीं है और वो उच्च शिक्षामंत्री को कुलाधिपति के अधिकार को ट्रांसफर करने के लिए तैयार हैं।