केरल (Kerala) में पिनराई विजयन (Pinarayi Vijayan) के नेतृत्व वाली वामपंथी सरकार राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान (Arif Mohammad Khan) को परेशान करने के लिए संविधान की भी धज्जियाँ उड़ा रही है। एक तरफ विजयन सरकार राज्यपाल को विश्वविद्यालयों का कुलाधिपति पद से हटाने के लिए अध्यादेश लाने पर विचार कर रही है तो दूसरी राज्यपाल को हटाने के लिए कानूनविदों का सहारा ले रही है।
सत्ताधारी CPM के राज्य समिति के पदाधिकारियों ने शनिवार (5 अक्टूबर 2022) को राजभवन के सामने एक विरोध सभा का आयोजन करने का फैसला किया। इस प्रदर्शन में CPIM महासचिव सीताराम येचुरी, भाकपा के राष्ट्रीय नेता, डी राजा और द्रमुक के वरिष्ठ नेता शामिल हैं।
DMK ने केरल में CPIM को राज्यपाल के मसले पर समर्थन करने का फैसला लिया है, क्योंकि उसकी सरकार ने हाल ही में तमिलनाडु (Tamil Nadu) के राज्यपाल के खिलाफ केंद्र सरकार को पत्र लिखकर उन्हें वापस बुलाने की माँग की थी।
कहा जा रहा है कि CPIM के राज्य नेतृत्व ने विजयन सरकार से राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति पद से हटाने के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए कहा है। इस संबंध में जल्द ही एक अध्यादेश लाया जाएगा।
कहा जा रहा है कि यदि राज्यपाल उस अध्यादेश पर हस्ताक्षर करने से इनकार करते हैं तो केरल सरकार विपक्षी दलों के साथ बात विधानसभा का सत्र बुलाएगी और उन्हें कुलाधिपति पद से हटाने के लिए कानून पारित करेगी। केरल विधान सभा विधेयकों पर लिखित कानूनी राय लेने के लिए केरल सरकार ने 45.9 लाख रुपए मंजूर किए हैं।
इसके साथ ही केरल सरकार राज्यपाल को हटाने के लिए कानूनी रास्ता भी तलाश रही है। सरकार सुप्रीम कोर्ट से वकीलों से सलाह ले रही है। सरकार प्रसिद्ध वकील फली नरीमन से सलाह ले रही है। इसके बाद वह सुप्रीम कोर्ट जा सकती है। तमिलनाडु ने भी राज्यपाल के खिलाफ कोर्ट जाने पर सहमति जताई है।
उधर, राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक पत्र भेजकर शिकायत की है कि उन्हें मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की 10 दिवसीय विदेश यात्रा के बारे में जानकारी नहीं दी गई थी। पत्र में उन्होंने कहा कि सीएम विजयन की अनुपस्थिति के दौरान सरकार चलाने के लिए किए गए वैकल्पिक व्यवस्थाओं की उन्हें जानकारी नहीं थी। बता दें कि विजयन 10 दिनों के लिए यूरोपीय देशों की यात्रा पर गए हुए थे।