प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार (11 दिसंबर 2021) को उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में सरयू नहर परियोजना का लोकार्पण किया। 9800 करोड़ रुपए की लागत की इस योजना से 9 जिलों के 29 लाख किसानों को लाभ पहुँचने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री श्री @narendramodi बलरामपुर में ‘सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना’ राष्ट्र को समर्पित करते हुए…#यूपी_की_सिंचाई_क्रांति https://t.co/QUKFYH5EiT
— BJP Uttar Pradesh (@BJP4UP) December 11, 2021
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मीडिया सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी ने इस योजना को लेकर ट्वीट किया, ”ये है नया यूपी, सूखे खेत के लिए एक बूँद पानी की खातिर टकटकी लगाए बादलों को ढूँढते किसान भाइयों को आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों अब तक की सबसे बड़ी सौगात मिलने जा रही है। ये सरयू नहर परियोजना है, जो 50 सालों में असंभव बन चुकी थी, लेकिन इस योजना को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संभव कर दिखाया।”
ये है नया UP,सूखे खेत के लिए एक बूँद पानी की ख़ातिर टकटकी लगाए बादलों को ढूँढते किसान भाइयों को आज श्री @narendramodi जी के हाथों मिलने जा रही अब तक की सबसे बड़ी सौग़ात,ये है सरयू नहर परियोजना,50 सालों में असंभव बन चुकी इस योजना को संभव कर दिखाया श्री @myogiadityanath जी ने। pic.twitter.com/wNUUw71NYP
— Shalabh Mani Tripathi (@shalabhmani) December 11, 2021
यह परियोजना 318 किमी लंबी है। इसे 9800 करोड़ रुपए की लागत से बनाया गया है, जिसमें पाँच नदियों घाघरा, सरयू, राप्ती, बाणगंगा और रोहिणी को भी जोड़ा गया है। 6,600 किमी लिंक नहरों वाली उक्त नहर से पूर्वांचल के नौ जिलों बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, बस्ती, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, संत कबीर नगर और गोरखपुर के लाखों किसानों को लाभ मिलेगा।
पिछले चार साल में परियोजना के काम में तेजी
इस परियोजना की परिकल्पना वर्ष 1971 में तत्कालीन कॉन्ग्रेस सरकार ने की थी, जिसे पाँच दशक से अधिक का समय हो गया है। सरयू नहर परियोजना देश के 12 प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश के 15 मुख्यमंत्री के कार्यकाल की गवाह बन गई। पिछले चार साल में इस परियोजना के काम में तेजी लाई गई।
इस परियोजना से किसानों को पहुँचेगा लाभ
बता दें कि 1978 में इस परियोजना को शुरू किया गया। उस वक्त इस पर खर्च करने के लिए 78 करोड़ रुपए आवंटित किए गए। इसके बाद वर्ष 2015 में केंद्र सरकार ने पीएम कृषि सिंचाई योजना शुरू कर हर खेत को पानी पहुँचाने का लक्ष्य रखा। सरयू नहर परियोजना के निर्माण से जहाँ किसानों को खेतों में सिंचाई के लिए मुफ्त पानी की सुविधा मिलेगी, वहीं दूसरी तरफ बाढ़ की त्रासदी भी कम होगी। नदियों के पानी का डायवर्जन नहरों में होने से बाढ़ का असर कम होगा। पशु-पक्षी भी अपनी प्यास बुझा सकेंगे।