लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र राजनीतिक पार्टियों ने घोषणापत्र का ऐलान करना शुरू कर दिया है। इसी सिलसिले में तमिलनाडु की सियासत में लंबे वक्त तक राज करने वाली और वर्तमान में राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) ने मंगलवार को लोकसभा चुनाव के लिए अपनी पार्टी के चुनावी घोषणापत्र को जारी किया।
बता दें कि पार्टी के प्रमुख एमके स्टालिन ने मंगलवार को चेन्नई में पार्टी का घोषणापत्र जारी किया। डीएमके ने इस चुनावी घोषणापत्र में एक तरफ जहाँ लोकलुभावन घोषणाओं की झड़ी लगाकर वोटरों को साधने की कोशिश की है, वहीं दूसरी तरफ इस घोषणापत्र में पूर्व पीएम राजीव गांधी के हत्यारों को रिहा कराने का वादा भी किया है। इसके अलावा नोटबंदी पीड़ितों के परिवार को मुआवजा देने की बात भी कही गई है।
गौरतलब है कि डीएमके इससे पहले भी कई बार राज्य सरकार और राज्यपाल से राजीव गाँधी केस के दोषियों को रिहा करने की माँग कर चुकी है। वहीं मंगलवार को पार्टी के मैनिफेस्टो में इसका जिक्र किए जाने के बाद दक्षिण भारत की सियासत में विवाद शुरू हो गया है।
डीएमके ने अपने घोषणापत्र में पुडुचेरी को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने, श्रीलंका से आए शरणार्थियों को नागरिकता दिलाने, मनरेगा के तहत 150 दिन रोजगार की गारंटी देने, प्रदेश के छात्रों का एजुकेशन लोन माफ करने, राज्य को नीट (सामान्य चिकित्सा परीक्षा) से छूट दिलाने जैसे तमाम वादे किए गए हैं। बता दें कि राज्य में DMK का कॉन्ग्रेस के साथ गठबंधन हुआ है। DMK 20 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और शेष 19 पर इसके सहयोगी दल लड़ेंगे।