पाटीदार आंदोलन के नेता और हाल ही में कॉन्ग्रेस पार्टी का दामन थामने वाले हार्दिक पटेल को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। गुजरात हाईकोर्ट ने हार्दिक पटेल के चुनाव लड़ने के अरमानों पर पानी फेरते हुए उनके खिलाफ फैसला सुनाया है। कोर्ट ने उन्हें चुनाव लड़ने की इजाजत नहीं दी है। हालाँकि, हार्दिक सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं, लेकिन इसके लिए उनके पास बेहद कम वक्त बचा है।
Gujarat High court rejects Congress leader Hardik Patel’s plea seeking suspension of his conviction in a rioting case of 2015 in Mehsana. As per the Representation of the People Act, 1951, Hardik Patel won’t be able to contest the upcoming Lok Sabha Election due to his conviction pic.twitter.com/qmiuGwHMa3
— ANI (@ANI) 29 March 2019
बता दें कि, हार्दिक ने 8 मार्च को दायर अपनी याचिका में अपील की थी कि उन पर देशद्रोह के मामले में निचली अदालत द्वारा सुनाई गई सजा पर रोक लगा दी जाए। मगर हाईकोर्ट ने उनकी यह अपील खारिज करते हुए उनकी सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। जिसके बाद अब हार्दिक पटेल लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पाएँगे। गुजरात हाईकोर्ट के इस फैसले से हार्दिक पटेल के साथ-साथ कॉन्ग्रेस को भी बड़ा झटका लगा है, क्योंकि ऐसा कयास लगाया जा रहा था कि 12 मार्च को कॉन्ग्रेस में शामिल हुए हार्दिक पटेल को कॉन्ग्रेस गुजरात के जामनगर से चुनाव में उतारने की तैयारी में थी।
गौरतलब है कि हार्दिक को राज्य के महेसाणा जिले के विसनगर में 23 जुलाई 2015 को एक आरक्षण रैली के दौरान हुई हिंसा और तत्कालीन स्थानीय भाजपा विधायक ऋषिकेश पटेल के कार्यालय पर हमले और तोड़फोड़ के मामले में पिछले साल 25 जुलाई को एक स्थानीय अदालत ने 2 साल के साधारण कारवास की सजा सुनाई थी। उन पर जुर्माना भी लगाया गया था। रिप्रजेंटेशन ऑफ पीपल एक्ट 1951 के मुताबिक अगर किसी शख्स को दो साल की सजा मिली है तो वो चुनाव नहीं लड़ सकता है।