लोकसभा चुनाव 2019 के लिए कॉन्ग्रेस को यूपी के सपा, बसपा और रालोद के गठबंधन से बाहर कर बसपा सुप्रीमो मायावती पहले ही झटका दे चुकी हैं और अब मायावती एक बार फिर से कॉन्ग्रेस को मध्य प्रदेश में बड़ा झटका देने जा रही हैं। मायावती ने मंगलवार (अप्रैल 30, 2019) को ट्वीट कर कॉन्ग्रेस को सार्वजनिक तौर पर धमकी भी दे दी है। दरअसल, मध्यप्रदेश के गुना- शिवपुरी लोकसभा सीट से ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ खड़े बसपा प्रत्याशी लोकेंद्र सिंह राजपूत कॉन्ग्रेस में शामिल हो गए हैं, जिसके बाद से बसपा सुप्रीमो मायावती कॉन्ग्रेस पर भड़की हुई हैं।
सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग के मामले में कांग्रेस भी बीजेपी से कम नहीं। एमपी के गुना लोकसभा सीट पर बीएसपी उम्मीदवार को कांग्रेस ने डरा-धमकाकर जबर्दस्ती बैठा दिया है किन्तु बीएसपी अपने सिम्बल पर ही लड़कर इसका जवाब देगी व अब कांग्रेस सरकार को समर्थन जारी रखने पर भी पुनर्विचार करेगी।
— Mayawati (@Mayawati) April 30, 2019
मायावती ने ट्वीट कर दोनों राजनीतिक पार्टियों भाजपा और कॉन्ग्रेस पर सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है। मायावती ने अपने ट्वीट में लिखा है कि सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग के मामले में कॉन्ग्रेस भी बीजेपी से कम नहीं है। मध्य प्रदेश के गुना लोकसभा सीट पर बसपा उम्मीदवार को कॉन्ग्रेस ने डरा-धमकाकर जबर्दस्ती बैठा दिया है, लेकिन बसपा अपने चुनाव चिह्न पर ही लड़कर इसका जवाब देगी और अब कॉन्ग्रेस सरकार को समर्थन जारी रखने पर भी पुनर्विचार करेगी।
साथ ही, यूपी में कांग्रेसी नेताओं का यह प्रचार कि बीजेपी भले ही जीत जाए किन्तु बसपा-सपा गठबंधन को नहीं जीतना चाहिए, यह कांग्रेस पार्टी के जातिवादी, संकीर्ण व दोगले चरित्र को दर्शाता है। अतः लोगों का यह मानना सही है कि बीजेपी को केवल हमारा गठबंधन ही हरा सकता है। लोग सावधान रहें।
— Mayawati (@Mayawati) April 30, 2019
इसके साथ ही मायावती ने एक और ट्वीट करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में कॉन्ग्रेसी नेताओं द्वारा जो यह प्रचार किया जा रहा है कि भाजपा भले ही जीत जाए, लेकिन बसपा-सपा गठबंधन को नहीं जीतना चाहिए, यह कॉन्ग्रेस पार्टी के जातिवादी, संकीर्ण व दोगले चरित्र को दर्शाता है। इसलिए लोगों का यह मानना सही है कि बीजेपी को केवल हमारा गठबंधन ही हरा सकता है। लोग सावधान रहें।
बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 में भले ही कॉन्ग्रेस और बसपा के बीच गठबंधन नहीं हुआ है, लेकिन पिछले साल नवंबर में मध्य प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे के बाद जब कॉन्ग्रेस खुद के बल पर सरकार बनाने में कामयाब नहीं हुई, तो प्रदेश में कॉन्ग्रेस को समाजवादी पार्टी, बसपा और निर्दलीय विधायकों का समर्थन मिला और फिर कमलनाथ के नेतृत्व में कॉन्ग्रेस की सरकार बनी थी।