लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण और नतीजों की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे देश के अगले प्रधानमंत्री की कुर्सी के लिए दावेदारी भी तेज होती जा रही है। इसी क्रम में अब बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी प्रधानमंत्री बनने की इच्छा जाहिर की है। मायावती ने एक बयान देते हुए कहा कि वह प्रधानमंत्री बनने के लिए तैयार हैं। इतना ही नहीं, प्रधानमंत्री पद का सपना देख रही मायावती ने वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए अनफिट बताया।
I will make a better PM, Modi ‘unfit’ for top job: Mayawati
— Times of India (@timesofindia) May 16, 2019
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मायावती ने एक बयान देते हुए कहा था कि जहाँ तक विकास की बात है, बहुजन समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश का चेहरा बदल दिया है और लखनऊ का भी सुंदरीकरण हुआ है। इसके आधार पर कहा जा सकता है कि लोगों के कल्याण और देश की विकास को देखते हुए बीएसपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रधानमंत्री बनने के लिए फिट है, जबकि नरेंद्र मोदी अनफिट हैं। इसके साथ ही उन्होंने अपनी उपलब्धियों का बखान किया और कहा कि 4 बार मुख्यमंत्री रहते हुए उनकी छवि काफी साफ-सुथरी रही है। मायावती का कहना है कि उन्होंने कानून व्यवस्था बनाते हुए लोगों के हित के लिए काम किया है।
बता दें कि, मायावती के प्रधानमंत्री पद के दावेदार रुप में एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने समर्थन किया था, तो वहीं प्रधानमंत्री बनने की प्रबल इच्छा रखने वाली मायावती को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस पद के लिए अयोग्य बताया। वैसे, मायावती ने पीएम बनने वाली इच्छा का संकेत उसी समय दे दिया था, जब वो गठबंधन प्रत्याशी रितेश पांडेय के समर्थन में जनसभा को संबोधित करने के लिए अंबेडकरनगर पहुँची थी। उन्होंने कहा था कि अगर उन्हें प्रधानमंत्री बनने का मौका मिलता है, तो वो उत्तर प्रदेश की अंबेडकरनगर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ सकती हैं।
वहीं, पिछले दिनों तेलंगाना के मुख्यमंत्री और तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) अध्यक्ष केसीआर राव ने विपक्ष से कहा कि अगर लोकसभा चुनाव में किसी एक दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला, तो वो ग़ैर-बीजेपी गठबंधन की सरकार को अपना समर्थन देने के लिए तैयार हैं, मगर साथ ही उन्होंने एक शर्त भी रख दी है। केसीआर राव ने विपक्ष के सामने यह शर्त रखी है कि अगर वो उन्हें सरकार में उप-प्रधानमंत्री बनाएँगे, तभी वो उनका समर्थन करेंगे। उन्होंने इस बात को भी स्पष्ट किया है कि वो 21 मई को विपक्ष की पार्टी मीटिंग में तभी शामिल होंगे, जब उन्हें इस बात का पूरा भरोसा दिलाया जाएगा कि गठबंधन सरकार में उन्हें उप-प्रधानमंत्री का पद दिया जाएगा।