लोकसभा चुनाव 2024 के एग्जिट पोल सामने आ चुके हैं। अधिकांश एग्जिट पोल ने साफ कर दिया है कि देश तीसरी बार मोदी सरकार वापस आ रही है। एग्जिट पोल ने यह भी साफ़ किया है कि भाजपा स्पष्ट जनादेश की तरफ बढ़ रही है। इसके साथ ही यह बात भी निकल कर आई है कि कॉन्ग्रेस की अगुवाई वाला विपक्षी INDI गठबंधन अपनी सत्ता वाले राज्यों में भी अपनी सीटें बचाने में नाकाम हो गया है। विपक्ष के शासन वाले अधिकांश राज्यों में भाजपा को फायदा होता दिख रहा है।
इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया के एग्जिट पोल के अनुसार, भाजपा को कॉन्ग्रेस शासन ले राज्य तेलंगाना में 17 में से 11-12 सीटें मिलती दिख रही हैं। सत्ताधारी कॉन्ग्रेस 4-6 के बीच सिमट रही है। यानि भाजपा को यहाँ 7-8 सीटों का फायदा हो रहा है। 2019 में तेलंगाना में भाजपा को 4 सीट मिली थीं। कॉन्ग्रेस यहाँ सत्ता में आने के कुछ ही महीनों के भीतर रेस से बाहर हो गई है। दूसरी तरफ पड़ोसी राज्य कर्नाटक में भी भाजपा ने अपनी बड़ी बढ़त बरकरार रखी है।
कर्नाटक में भाजपा-JDS गठबंधन को 28 में से 23-25 सीटें मिलने का अनुमान लगाया जा रहा है। यहाँ 2019 में NDA को 25 सीट मिली थीं। कॉन्ग्रेस यहाँ 2022 में सत्ता में आई थी। इसके बाद से अनुमान लगाया जा रहा था कि उसे लोकसभा चुनावों में भी फायदा होगा, लेकिन अपराध की घटनाओं और मूलभूत समस्याओं के ना सुलझने का असर कर्नाटक में दिख रहा है। कर्नाटक में भाजपा का आँकड़ा बरकरार रहने की उम्मीद है।
कर्नाटक के अलावा भाजपा को हिमाचल प्रदेश में भी 4 में से 4 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है। यहाँ भी कॉन्ग्रेस 2022 में सत्ता में आई थी लेकिन उसे एक भी सीट नहीं मिलती दिखाई दे रही है। यहाँ तक कि मंडी सीट भी भाजपा के पास जा रही हैं जहाँ से कॉन्ग्रेस के हैवीवेट विक्रमादित्य सिंह चुनाव लड़ रहे हैं।
इसके अलावा कॉन्ग्रेस-JMM गठबंधन वाले राज्य झारखंड में भी भाजपा को 8-10 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है। यहाँ भी कॉन्ग्रेस और JMM कोई बड़ा उलटफेर नहीं कर सकी हैं। कॉन्ग्रेस के अलावा विपक्षी दलों के शासन वाले राज्यों में भी भाजपा को बड़ा फायदा होने जा रहा है।
सबसे बड़ा उलटफेर बंगाल में हुआ है। यहाँ सत्ताधारी तृणमूल कॉन्ग्रेस को भारी नुकसान हो रहा है। पश्चिम बंगाल में भाजपा को 26-31 सीट मिलने का अनुमान लगाया गया है। पिछली बार भाजपा यहाँ 18 सीट जीती थी। तृणमूल 11-14 पर सिमटती दिखाई दे रही है। ऐसे में भाजपा के लिए यहाँ सबसे बड़ा फायदा होने वाला है।
पश्चिम बंगाल के अलावा भाजपा को ओडिशा में भी बड़ी जीत मिल रही है। ओडिशा में भाजपा के 21 में से 20 सीट जीतने का अनुमान लगाया जा रहा है। ओडिशा में सत्ताधारी बीजद को भारी नुकसान होने जा रहा है। यहाँ विधानसभा चुनाव भी लोकसभा के साथ हुए हैं। उनमें भी भाजपा अच्छा प्रदर्शन कर रही है।
इसके अलावा केरल में भी भाजपा का खाता खुलते दिखाई दे रहा है। यहाँ NDA को 2-3 सीट मिल रही हैं। यदि ऐसा होता है तो यह भाजपा के लिए बहुत बड़ा फायदा होगा और राज्य में आगे के मार्ग प्रशस्त करेगा। केरल में लेफ्ट और कॉन्ग्रेस की लड़ाई से भाजपा फायदे में दिख रही है। पंजाब में AAP को 0 से 2 जबकि कॉन्ग्रेस को 7-9 सीट मिलने का अनुमान जताया जा रहा है। यहाँ भाजपा को 2-4 सीट मिलने का अनुमान है। भाजपा को यदि 4 सीट मिलती हैं तो यह AAP सरकार के लिए बड़ा झटका होगा।
तमिलनाडु में भी भाजपा का खाता खुलने की उम्मीद है। NDA के तमिलनाडु में 2-4 सीट मिलने का अनुमान जताया गया था। 2019 में यहाँ 39 में से 38 सीट UPA गठबंधन को मिली थीं। इसके अलावा आंध्र प्रदेश में भी NDA को बड़ा फायदा हो रहा है। आन्ध्र प्रदेश में 25 में से 21-23 सीट NDA के जीतने का अनुमान लगाया जा रहा है। सत्ताधारी YSRCP यहाँ 2-4 सीट पर सिमट सकती है।
विपक्ष जहाँ अपने सत्ता वाले राज्यों में अपनी जमीन नहीं बचा पाया है, वहीं उसकी हालत भाजपा शासित राज्यों में और खराब है। उत्तर प्रदेश , राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में INDI गठबंधन को कोई फायदा नहीं हो रहा है।