Friday, November 8, 2024
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MP में नई स्कीम: कमलनाथ सरकार से चाहिए ₹51000 तो दूल्हे को भेजना होगा शौचालय से सेल्फी

भोपाल में सेंट्रल लाइब्रेरी में सामूहिक विवाह में शामिल होने वाले 74 जोड़ों में से एक समीर (बदला हुआ नाम), जो कि जहांगीराबाद के रहने वाले हैं, का कहना है कि शादी के प्रमाण पत्र की कल्पना कीजिए, जिसमें शौचालय में खड़े दूल्हे की तस्वीर लगी होगी।

मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने एक नई स्कीम शुरू की है। अब दूल्हे के शौचालय में खड़े होकर सेल्फी भेजने पर मुख्यमंत्री कन्या विवाह / निकाह योजना के तहत 51,000 रुपए मिलेंगे। मगर इसके लिए आवेदन तभी स्वीकार किए जाएँगे जब दुल्हन यह साबित कर दे कि उसके पति के घर में शौचालय है।

खबर के अनुसार, चूँकि सरकारी अधिकारी हर जगह शिथिलता की वजह से जाँच नहीं कर सकते हैं, इसलिए वे दूल्हे से एक #सेल्फी-स्टैंडिंग-इन-टॉयलेट की माँग करते हैं। बता दें कि शौचालय में खड़े होकर सेल्फी लेने की यह माँग ग्रामीण क्षेत्रों तक ही सीमित नहीं है। प्रदेश की राजधानी भोपाल नगर निगम (BMC) के अधिकारी भी इसकी माँग करते हैं।

भोपाल में सेंट्रल लाइब्रेरी में सामूहिक विवाह में शामिल होने वाले 74 जोड़ों में से एक समीर (बदला हुआ नाम), जो कि जहांगीराबाद के रहने वाले हैं, का कहना है कि शादी के प्रमाण पत्र की कल्पना कीजिए, जिसमें शौचालय में खड़े दूल्हे की तस्वीर लगी होगी। उन्होंने कहा कि उनसे कहा गया कि जब तक वो तस्वीर नहीं देते, काजी निकाह नहीं पढ़ेंगे।  

2013 में स्कीम लॉन्च करने के बाद से ही टॉयलेट की शर्त शामिल थी, लेकिन हाल ही में इसमें तस्वीर देने की बात जोड़ी गई है। सीएम विवाह योजना के प्रभारी बीएमसी अधिकारी सी बी मिश्रा ने कहा कि पहले इस नीति में छूट दी गई थी। पहले दूल्हे को शादी के 30 दिन के भीतर शौचालय बनाने के लिए कहा जाता था। मिश्रा ने कहा कि शौचालय में दूल्हे की फोटो संलग्न करने में कुछ भी गलत नहीं है। यह शादी के कार्ड का हिस्सा नहीं है।

बीएमसी कॉर्पोरेटर और स्थानीय कॉन्ग्रेस नेता रफीक कुरैशी ने कहा कि यह तब और भी अजीब हो जाता है जब दुल्हन दूसरे शहर या जिले में रहती है। उन्होंने बताया कि भोपाल से करीब 90 किलोमीटर दूर सिलवानी में एक शादी हुई थी। स्थानीय सरकारी अधिकारी ने शादी को तब तक मंजूरी नहीं दी जब तक कि दूल्हे ने भोपाल में वापस आकर उसे शौचालय में खड़े होने का सबूत नहीं दिया। उनका कहना है कि शौचालय स्वच्छ भारत मिशन का आंतरिक हिस्सा है, लेकिन यह प्रक्रिया बेहतर हो सकती है। उन्होंने इस साल तीन सामूहिक विवाह आयोजित किए हैं और 2020 के लिए होने वाले नागरिक चुनावों के साथ अधिक सामूहिक विवाह होने की संभावना है। जिसके लिए सैकड़ों दूल्हे की शौचलाय में खड़ी तस्वीर आ सकती है।

दोनों पक्षों के राजनेता स्वीकार करते हैं कि दूल्हे इस सफाई मिशन के अंतिम प्रक्रिया में हैं और चाहते हैं कि यह दूल्हे को यह साबित करने का एक और सुंदर तरीका साबित हो कि उनके पास शौचालय है। बता दें कि मुख्‍यमंत्री कन्या विवाह / निकाह योजना आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए है। पिछले साल 18 दिसंबर को सत्ता में आने के एक दिन बाद ही कॉन्ग्रेस सरकार ने इसके तहत मिलने वाली वित्तीय सहायता को 28,000 रुपए से बढ़ाकर 51,000 रुपए कर दी थी। इसके बाद आवेदन करने वालों की तादाद काफी बढ़ गई। जिससे अधिकारियों के लिए प्रत्येक घर के शौचालय का आकलन करना काफी मुश्किल हो गया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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